स्कूलों में पूर्व प्राथमिक शिक्षा में अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं शुरू की जायेगी : बी डी कल्ला

सीकर। शिक्षा मंत्री डॉ- बी डी कल्ला ने कहा कि राज्य में शिक्षा में नवाचार को लेकर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्री प्राईमेरी एज्युकेशन में अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं शुरू की जायेगी। डॉ- कल्ला शुक्रवार को सीकर जिले के फतेहपुर के अफसर गांव में वन विभाग एवं पंडित बद्री प्रसाद महर्षि चैरिटेबल ट्रस्ट जयपुर सी-एस-आर-के तहत पृथ्वी दिवस 2022 पर पर्यावरण संरक्षण वृक्षारोपण नवनिर्मित सभा मंच एवं भवन का फीता काटकर लोकार्पण करने के बाद आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

कल्ला ने पर्यावरण संतुलन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज से 10 हजार वर्ष पहले 600 करोड़ हैक्टेयर में जंगल थे जो आज घट कर 400 करोड़ हैक्टेयर हो गये तथा जो पहले प्रजातियां एक लाख 42 हजार थी उसमें से अब तक 40 हजार प्रजातियां समाप्त हो गई,जिसके परिणाम स्वरूप हमें पर्यावरण के संतुलन के लिए आज यह संकल्प लेना है कि पर्यावरण को बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घर—घर औषधीय योजना के तहत प्रत्येक घर में चार—चार औषधीय पौधे लगवाये उनका लक्ष्य यही था कि घर—घर में पौधों के प्रति आमजन का लगाव हो जिससे पर्यावरण का संतुलन बना रहें। उन्होंने बताया कि पौधे लगाने के बारे में हमारे शास्त्रों में लिखा है कि एक व्यक्ति अपने पुत्र को जिस तरह से पालता है उससे अधिक धर्म एक पेड़ को पालने से होता है, इसलिए वैशाख महिने में बड़ के पेड़ को सिंचते है।

डॉ. कल्ला ने कहा कि पेड़—पौधे हमें श्वास ईंधन जड़ी—बूंटियां देते है और ऑक्सीजन जो प्राण वायु है उससे जीवन का संचार होता है इसलिए पर्यावरण को बचाना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने पृथ्वी दिवस के अवसर पर समस्त प्रदेशवासियों हार्दिक शुभकामनाएं दी। इस अवसर उन्होंने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अफसर में इसी सत्र से विज्ञान संकाय जुलाई से शुरू करने की घोषणा की।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार प्राईवेट स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा दी जाती है उसी प्रकार राजस्थान के सरकारी विद्यालयों में भी अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं भी शुरू की जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपराधों पर पूर्णतया अंकुश लगाया है] पिछली सरकार में गरीब तबकें के लोगों की जहां एफआईआर दर्ज भी नहीं की जाती थी और उनके मामले थानों में दबा दिए जाते थे। वर्तमान सरकार में समस्त जिला पुलिस अधीक्षकों को अनिवार्य रूप से एफआईआर दर्ज करने सुनवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस अवसर पर स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने भी विचार व्यक्त किया।