गीता में जीवन का सार : आचार्य संतोष सागर

सेमिनार  
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मोशन के मोटिवेशन सेमिनार

कोटा। आचार्य संतोष सागर ने कहा कि गीता में जीवन का सार है। यह हमें सफलता एवं शांति पूर्वक जीना सिखाती है। आचार्य संतोष सागर मोशन एजुकेशन के द्रोणा कैम्पस में मोशन के मोटिवेशन सेमिनार में विद्यार्थियों को सम्बोधित कर रहे थे। आचार्य ने कहा कि श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध में अर्जुन को कुछ उपदेश दिए थे, जिससे उनके लिए उस युद्ध को जीतना आसान हो गया था। इसी तरह हम सभी गीता के उपदेशों को जिंदगी में शामिल कर सफलता हासिल कर सकते हैं।

दरअसल जब हम अपने कार्य में आनंद खोज लेते हैं, तो सफलता भी दूर नहीं रहती। विद्यार्थी भी पढने में आनंद खोजकर सफलता हासिल कर सकते हैं। संतोष सागर ने अपने गुस्से को भी काबू में रखने की सलाह दी क्योकि क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है और जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है। जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।

अशांत मन को नियंत्रित करना जरूरी

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दरअसल मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है। जैसा उसका विश्वास होता है, वैसा वो बन जाता है। हमारा मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है। गीता दुनिया का सबसे बड़ा मनो चिकित्सक ग्रंथ है। इसको बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। समारोह में छात्र छात्राओं को अपने जीवन को कैसे मधुर बनाएं और उन्नति की राह में आगे कैसे बढ़े इस पर चर्चा की और छात्र-छात्राओं से भी सवाल-जवाब किए।

अध्यात्म से विद्यार्थियों को बड़ा संबल मिलता है

मोशन एजुकेशन के फाउंडर और सीईओ नितिन विजय ने कहा कि आपके अंदर जो ऊर्जा है, उसी के प्रभाव से आप प्रगति करते हैं। शिक्षा ग्रहण करने के लिए भी आप में जो ऊर्जा भरी हुई है, वही आपकी प्रगति की राह बनाती है। अध्यात्म की ताकत से विद्यार्थियों को बड़ा संबल मिलता है। इसलिए यदि आपका रुझान अध्यात्म की ओर होगा तो आपका एनर्जी लेवल भी बढ़ जाता है। इस अवसर पर मोशन एजुकेशन के चेयरमैन सुरेंद्र विजय, डायरेक्टर सुशीला विजय, डॉ स्वाति विजय, उपस्थित थे।

सेमिनार  
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रोटरी क्लब अध्यक्ष वैशाली भार्गव और राजेंद्र खंडेलवाल ने बताया कि सनातन धर्म यात्रा में युवा राष्ट्रीय संत संतोष सागर महाराज के सानिध्य में नित्य विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं जिसमें नित्य यज्ञ, स्कूलों में निशुल्क गीता वितरण, प्रेरणादाई प्रवचन तथा श्रीमद भागवत कथा यज्ञ आदि शामिल हैं। संतोष सागर महाराज का 1 वर्ष तक पूरे राजस्थान प्रदेश के 33 जिलों की यात्रा कर 5 लाख युवाओं से मिलकर उन्हें सनातन धर्म के पवित्र ग्रंथो की जानकारी और निशुल्क गीता प्रदान करने का संकल्प है। इसके अंतर्गत वे अभी तक 14 जिलों में 70 हजार युवाओं से मिल चुके है।

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