
दुनिया की बड़ी आबादी अधिक वजन-मोटापे की समस्या से जूझ रही है, स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस स्थिति को काफी गंभीर मानते हैं। अधिक वजन की समस्या पर ध्यान न देना भविष्य में कई प्रकार की गंभीर और जानलेवा समस्याओं का भी कारण बन सकती है। डॉक्टर कहते हैं, आमतौर पर हम सभी मोटापे को एक सामान्य स्थिति के तौर पर ही लेते हैं पर वास्तव में यह कई गंभीर रोगों के प्रमुख कारकों में से है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी उम्र के लोगों को शरीर के वजन को कंट्रोल में रखने के लिए प्रयास करते रहने चाहिए। अगर हम सभी सिर्फ अपने वजन पर ही ध्यान दे लें तो भविष्य की कई गंभीर बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं।

सभी लोगों की आयु और उम्र के आधार पर शरीर के लिए सामान्य वजन की स्थिति भिन्न-भिन्न हो सकती है। बॉडी मास इंडेक्स (बीएआई) की गणना के आधार पर इसका निर्धारण किया जाता है। अधिक वजन वाले लोगों को इसे कंट्रोल करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहने की आवश्यकता है। अधिक वजन न सिर्फ कई बीमारियों के जोखिम को बढ़ा देती है साथ ही यह स्थिति बीमारियों की जटिलताओं को भी बढ़ाने वाली होती है। आइए अधिक वजन वालों में स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिमों के बारे में जानते हैं।
कोविड के गंभीर लक्षणों का खतरा
अध्ययनों में पाया गया है कि अधिक वजन की समस्या, कोरोना संक्रमण की स्थिति में गंभीर रोग विकसित होने का कारण बन सकती है। संक्रमण के दौरान ऐसे लोगों को अस्पताल में भर्ती होने और सांस से संबंधित समस्याओं का खतरा अधिक देखा जाता रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने देश में डेल्टा वैरिएंट की लहर के दौरान इस तरह का जोखिम देखा था। वजन को कंट्रोल न रखना कोरोना की स्थिति को गंभीर बनाने वाली हो सकती है।
हृदय स्वास्थ्य- डायबिटीज की जटिलताओं का खतरा

मोटापे के कारण उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का स्तर असामान्य होने की समस्या हो सकती है, ये स्थितियां हृदय रोग और स्ट्रोक के लिए प्रमुख जोखिम कारक हैं। हृदय स्वास्थ्य के अलावा मोटापा, रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए शरीर द्वारा इंसुलिन का उपयोग करने के तरीके को प्रभावित कर सकती है। इससे इंसुलिन प्रतिरोध और मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। हृदय स्वास्थ्य- डायबिटीज के शिकार लोगों की मोटापे के कारण जटिलता बढऩे का भी जोखिम होता है।
पाचन स्वास्थ्य पर असर

अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि शरीर का वजन बढऩा, विशेष रूप से पेट की चर्बी बढऩे से हार्टबर्न और पाचन से संबंधित अन्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो यह स्थिति गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) का भी कारण बन सकती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि अधिक वजन वाले लोगों में पेट से संबंधित समस्याओं का खतरा, अन्य लोगों की तुलना में अधिक होता है।
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