
सरकार शेखावाटी की विरासत को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है” – धर्मेंद्र राठौड़
जयपुर । सरकार शेखावाटी क्षेत्र की समृद्ध विरासत की रक्षा और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। हवेलियों का विनाश और प्रसिद्ध भित्तिचित्रों के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह बात आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने आज राजस्थान डोमेस्टिक ट्रैवल मार्ट में ‘शेखावाटी के भविष्य के गंतव्य के रूप में पुनरुत्थान’ पर एक नॉलेज सेशन में संबोधित करते हुए कही।

राठौड़ ने स्पष्ट रूप से कहा कि हवेलियों के व्यवस्थित विनाश को रोकने की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए दो प्रकार से कार्रवाई की जाएगी: पहला प्रशासनिक रूप से लागू करना जो कानून को बदले बिना किया जा सकता है और दूसरा जहां कानून को बदलने की जरूरत है। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पहले ही स्थिति से अवगत कराया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जल्द ही शेखावाटी क्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ क्षेत्र के पर्यटन के हितधारकों के साथ एक बैठक बुलाई जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि यह देखकर दुख होता है कि लोग गांवों से शहरों और खेतों की ओर पलायन कर रहे हैं। जिसका नतीजा है कि गांव खाली हो रहे हैं और उन्हें संरक्षित करने की जरूरत है। श्री राठौड़ ने पर्यटन को उद्योग घोषित करने और इसके विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये निर्धारित करने के लिए भी मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।

इससे पहले इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट एमेरिटस, श्री गज सिंह जोधपुर ने उसी सेशन में बोलते हुए कहा कि शेखावाटी की विरासत को देखने के लिए पर्यटक आते हैं। क्षेत्र और राज्य की विरासत की रक्षा के लिए सरकार द्वारा उच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास का भी आग्रह किया। इस सेशन का संचालन डॉ. श्रुति पोद्दार ने किया।
एफएचटीआर के अध्यक्ष, अपूर्व कुमार ने कहा कि “पिछले कुछ महीनों की हमारी कड़ी मेहनत खरीदारों और विक्रेताओं के बीच सक्रिय भागीदारी और नेटवर्किंग को देखते हुए सफल साबित हुई है। महामारी से उत्पन्न स्थिति से उबरने के लिए घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह मार्ट बेहद महत्वपूर्ण था। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इससे पर्यटन सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। अब हम इस रोजगार सृजन क्षेत्र के पुनरुद्धार के प्रति आश्वस्त हैं।”
पर्यटन विभाग सहित लगभग सभी प्रमुख होटल्स, रिसॉर्ट्स ने अपने स्टॉल लगाए हैं। आरडीटीएम के चेयरमैन, श्री खालिद खान ने यह जानकारी दी कि 4 हजार से अधिक पूर्व-संरचित बी2बी बैठकें आयोजित हुईं हैं।
इस दौरान 2 नॉलेज सेशंस भी आयोजित किए गए, जिन्होंने प्रतिभागियों के बीच जबरदस्त रुचि पैदा की। पहले सेशन में अमिताव भट्टाचार्य, संस्थापक एवं निदेशक, कॉन्टैक्ट बेस ने अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के बारे में चर्चा की। इसके बाद अगले सेशन में, डॉ. अभय सिन्हा, डीजी एसईपीसी, ने इनबाउंड टूरिज्म में अवसरों और चुनौतियों और इस क्षेत्र में एसईपीसी (सर्विसेज एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल) और इसकी सेवाओं की भूमिका के बारे में अपने विचार रखे।