आप अपने घर में अपनी माँ को सम्मान नहीं दे रहे, दूसरों से कैसे उनके सम्मान की उम्मीद रखें सकते है : राजवीर सिंह

राजवीर सिंह चलकोई

दैनिक जलतेदीप व राजस्थानी मासिक पत्रिका के प्रबंध संपादक दीपक मेहता के साथ प्रदेश के युवाओ में जबरदस्त प्रसिद्ध राजस्थानी युवा समिति के राष्ट्रीय सलाहकार राजवीर सिंह चलकोई का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू –

प्रश्न : राजस्थानी युवा समिति क्या है?
जवाब : राजस्थान के युवाओं को उनका अधिकार दिलवाने के लिये राजस्थान के युवाओं का संगठन है।

प्रश्न : आज़ादी के 75 वर्षो बाद भी आप लोग मातृ भाषा के हक़ की लड़ाई लड़ रहे है?
जवाब : हमारा आंदोलन कोई जातिगत आरक्षण या कोई एक वर्ग विशेष को फायदा पहुंचाने के लिये नहीं है, हमारा मुद्दा राजस्थान की 10 करोड़ जनता का मुद्दा है, हमारी भाषा को मान्यता मिले ये हर राजस्थानी का अधिकार है और इसके अधिकारों के लिये लड़ना हमारा मौलिक कर्तव्य भी।

rajveer singh rajasthani

प्रश्न : लोग हिंदी व अंग्रेजी को ज्यादा जरूरी मानते है, आप खुद बढ़िया अंग्रेजी-हिंदी बोल लेते है और आपकी समिति से जुड़े सभी लोग भाषा पर अच्छी पकड़ रखते है, तो आपकी नजर मैं राजस्थानी भाषा को लेकर दिक्कत क्या है ?
जवाब : आपके सवाल दो है पर इसका एक ही जवाब दूंगा, हिंदी अंग्रेजी या किसी भी भाषा से राजस्थानी युवा समिति की विचारधारा से जुड़े किसी भी व्यक्ति को कोई समस्या है ही नहीं हालांकी आप भी जानते है हिंदी जिसके लिये राजस्थानियों ने अपनी मायड़ भाषा का बलिदान दिया और हिंदी प्रदेश घोषित हुआ उसको आज तक राष्ट्र भाषा नहीं बनाया जा सका है खैर ये अलग विषय है, पर आपके सवाल का जवाब ये है कि हमने हिंदी अंग्रेजी को सीखा है रटा है अब बोल पा रहे है क्योंकि ये शहर के संस्कारों में घुस गयी है, पर आप ये समझे कि जो ग्रामीण परिवेश के बच्चे है जिन्होंने अब तक शहरी परिवेश में खुद को ढाला नहीं है और वो इन भाषाओं में सहज नहीं है इस कारण वो अवसरों से वंचित रह जाये ये कैसा न्याय है, आप जानते है महान वैज्ञानिक, साहित्यकार या अन्य इंटलेक्ट अधिकतर वो लोग है जिन्हें मातृभाषा में प्रारम्भिक शिक्षा मिली है। अब दिक्कत वाला जवाब- दिक्कत बस एक है हमारी भाषा को भी उतना सम्मान मिले जितना अन्य भाषाओं को मिला है, 22 भाषाएँ जितनी योग्यता रखती है 8वी अनुसूची में होने की राजस्थानी भाषा के पास भी वो पूरी योग्यता है।

प्रश्न : क्या आप लोग राजस्थानी को राजभाषा बनाने की जिद्द पर अड़े है?
जवाब :  राजभाषा बनाने के उपबंध भारत के संविधान में है और ये प्रावधान राजस्थानी युवा समिति ने नही लिखे है ये अधिकार संविधान देता है। अनुच्छेद 345 व 347 कहता है राज्य सरकार बिना केंद्र की अनुमति के राजभाषा बना सकती है। हमारी यह मांग पहला कदम है 8वी अनुसूची में राजस्थानी को जुड़वाने का। अलग अलग राज्य सरकारे ऐसा पहले कर चुकी है 8 राज्यो ने अपनी मातृभाषा को राजभाषा का दरजा दिया है। आप अपने घर में अपनी माँ को सम्मान नहीं दे रहे और अन्य से ये उम्मीद करते है कि वो उसका सम्मान करें। अब राज्य सरकार को सारे काम छोड़कर सबसे पहले राजस्थानी को राजभाषा बनाना पड़ेगा।

प्रश्न : लोग अक्सर पूछते है कि कौनसी भाषा को राजस्थनी कहे, क्या जवाब देंगे उन सब को ?
जवाब : वही भाषा जिसका प्रस्ताव 2003 में विधानसभा ने सर्वसम्मती से पास कर केंद्र को भेजा, बिल्कुल वही भाषा जिसमे राजस्थानी के 7 लेखकों को पद्म पुरस्कार मिले है, वही भाषा जिसमे विद्यार्थी पूरे राजस्थान में एक पाठ्यक्रम से BA MA Phd कर रहे है, वही राजस्थानी जिसमे मीरा बाई लिख कर गयी है।

प्रश्न : लोग ऐसा भी मान रहे है कि आप सब लोग मारवाड़ी को राजस्थान पर थोप रहे ?

जवाब : जब आप कुछ जबरदस्त करते है तो लोगो को बरगलाने वाली ताकते सक्रिय हो जाती है हम आपके माध्यम से स्पष्ट करना चाहते है वो सभी बोलियां जो राजस्थान में बोली जाती है वो सारी बोलिया जो 2003 के प्रस्ताव में शामिल है वो सभी मिलकर ही राजस्थानी भाषा बनेगी, मारवाड़ी भी अन्य राजस्थान में बोली जाने वाली बोलियों की तरह बोली ही है।
पूरा राजस्थान और सरकार भी ये बात समझले युवा समिति का मत स्पष्ठ है हमारी बात पूरे राजस्थान की बात है, अगर कभी भी समिति के विचार में फर्क नज़र आये तो आपकी जुती हमारा सर, पूरे राजस्थान की बोलियां ही राजस्थानी है।

rajveer singh with deepak mehta

प्रश्न : क्या मुख्यमंत्री जी इस आंदोलन से अवगत है, क्या कहा है उन्होंने, बात कहां तक पहुंची है?
जवाब : मुख्यमंत्री जी को ये बात पता है हम खुद 1 लाख युवाओ के सेवक के रूप में मुख्यमंत्री जी से दैनिक जलते दीप के कार्यक्रम में मिले थे और उनसे अनुरोध किया राजस्थानी को राजभाषा बनाने का, उसी समारोह में उन्होंने अपने वक्तव्य में गुजरात चुनाव के बाद समिति के साथ बैठक की बात कही थी ये बात उनके ऑफिसियल ट्वीटर हैंडल पर भी लिखी थी। उन्होंने आपबे वक्तव्य में कहा कि वो खुद क्या कर सकते है राजस्थानी की मान्यता के लिये इस पर बात करेंगे।

प्रश्न : जब मुख्यमंत्री जी ने बुलाने का कह दिया है फिर आप संभाग संभाग घूम कर हजारों युवाओ की सभा क्यो कर रहे है, तैयारी किस बात की है?
जवाब : मुख्यमंत्री जी बुलाएंगे उन्होंने ही कहा है, हम बातचीत से राजस्थानी को राजभाषा बनाएंगे ऐसा हमरा मत है। परन्तु राजस्थानी युवा समिति राजस्थानी को जन जन तक पहुँचाने का मिशन हरगिज़ नही भुलेगी, हमें राजस्थानी के लिये युवाओ को जागरूक करना है और हम ये संगठन बनाकर कर रहे है, सरकार से उम्मीद है वह लाखो युवाओं की मांग को तुरन्त सुनेगी और राजस्थानी को राजभाषा का दर्जा मिलेगा।

प्रश्न : फ्री में फ़िल्म दिखा रहे है, बड़े बड़े आयोजन कर रहे है लोगों को जानना है कि समिति के पास पैसा कहाँ से आ रहा है?
जवाब : ऐसा पैसा क्या काम आयेगा अगर मैं अपनी भाषा में बोल भी नहीं पाऊं, ये सब जो भी लग रहा है हमारी पीढ़ी के भविष्य के आगे कुछ भी नही है, वैसे 1 रुपये सदस्यता शुल्क रखने के पीछे यह था कि हम हर राजस्थानी तक पहुंचे फिर वो किसी भी तबके का हो, राजस्थानी युवा समिति पर हर राजस्थानी का अधिकार है।

प्रश्न : राजस्थानी के सबसे बड़े शुभचिंतक जोधपुर के पूर्व नरेश गजसिंह जी क्या आपके आंदोलन में साथ है ? नहीं तो क्यूँ नहीं ? क्या कहेंगे आप?
जवाब : राजस्थानी युवा समिति सबसे पहले बाबजी से मिलने पहुंची थी उन तक सारे संदेस समय पर पहुंच रहे है जगत सिंह राठौड़ जी से समिति निरंतर संपर्क में है समय मिलते ही बाबजी आदेश करेंगे और पूरी समिति आशीर्वाद लेने बाबजी के पास जायेगी, बाबजी तो राजस्थानी भाषा के आंदोलन के एम्बेसेडर है वो तो सदैव ही साथ है उनकी चिट्ठी मिली थी उसमें शुभकामाएं थी, उनसे आवश्यकता पड़ने पर हर संभव सहयोग इस आंदोलन को मिलेगा ये हमारा विश्वास है रही बात मुलाक़ात की तो वो बाबजी को समय मिलते ही हो जायेगी।

प्रश्न : क्या अपेक्षाएं है, युवा तो बहुत सारे जुड़ गये है ?

जवाब : देखिये साहब राजस्थानी भाषा का आंदोलन कभी इस स्तर तक पहुंचा ही नहीं था, इतने युवाओ को कभी भाषा के आंदोलन से जोड़ने का प्रयास ही नहीं हुआ था, राजस्थान का भविष्य इस बार वर्तमान सुधारने साथ आ रहा है, उम्मीद ही नहीं यकीन है इस बार राजस्थान सरकार राजस्थानी को उसका हक देगी।

प्रश्न : आगे की क्या योजना है?
जवाब  : फिलहाल तो एक हज मुद्दा है जिस पर समिति का हर सदस्य दिन रात विचार में रहता है वो है जल्दी से जल्दी राजस्थानी को राजभाषा बनाना, 156 एम. एल. ए. ने जब लिख कर दिया है राजस्थानी को राजभाषा बनाओ तो ये बहुमत नहीं प्रचंड बहुमत है राजस्थानी को राजभाषा बनाने का बिल सरकार अगर लाये तो प्रचंड बहुमत से पास होगा।

प्रश्न : आप मेरा सवाल टाल गये, मेरा सवाल था राजस्थानी युवा समिति की भविष्य की क्या योजना है?
जवाब  :  सब कुछ भविष्य के गर्भ में छुपा है बस इतना पता है राजस्थानी युवा समिति का हर कदम राजस्थान के भले के लिये होगा।

प्रश्न : आपको लगता है आप लोग इतिहास लिख पाएंगे ?
जवाब  : देखो साहब म्हें तो इतिहास पिछले 17 18 सालों से लिख रहा हूँ सौभाग्य से में इतिहास पढ़ाता हूँ। रही बात आपके सवाल की तो हम बस 96 वर्षो से चल रहे संघर्ष को नयी दिशा दे रहे है एक पड़ाव पार करना है राजस्थानी का राजभाषा बनना,अगर इस मेहनत से भरे ईमानदार प्रयास को सफलता मिलती है तो ये हमारे बुजुर्गों के संघर्षो को श्रद्धांजलि होगी।

प्रश्न : आप लोग संभाग संभाग में आयोजन कर भीड़ इकट्ठी कर रहे हो, जयपुर में भी हजारों लोग आये, राजस्थानी के प्रति क्या युवा जाग रहा है ? क्या ऐसा माहौल पहले कभी नही बना?
जवाब  : साब राजनीति हो या आंदोलन माहौल युवा बनाते है अब तक इसे वर्ग विशेष का आंदोलन माना जाता था, राजस्थानी युवा समिति ने इसको जनता का आंदोलन बना दिया और घर घर तक पहुंचा दिया। युवा ताक़त ने दुनियां को बदला है यहां का माहौल भी बदल गया। हमने जोधपुर, जयपुर में हज़ारो युवाओं को मायड़ भाषा से जोड़ा है और अब हम 18 को उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में ऐतिहासिक कार्यक्रम कर रहे है।

प्रश्न : मुख्यमंत्री जी अगर समिति को मिलने नही बुलाते है तो?
जवाब  : पहली बात तो वो भारत के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री है तो जो उन्होंने कहा है ट्वीट भी किया है उस पर मुकरने का प्रश्न ही नहीं उठता उन्हें बुलाना ही चाहिये, हम कोई गलत मांग नही कर रहे है हमारी मांग तथ्यात्मक है और बिल्कुल वाजिब है।

प्रश्न : आप मेरा सवाल टाल गये, मेरा प्रश्न था अगर मुख्यमंत्री नहीं बुलाते है तो?
जवाब  : आप के माध्यम से सरकार तक पहुंचा देना चाहता हूँ अगर। सरकार हमें गंभीरता से नही लेगी तो असन्तुष्ट युवा आंदोलन करेगा पर समिति चाहती है सरकार वार्ता के रास्ते राजस्थानी को राजभाषा बना दे, करोड़ो लोगो की दुआएं मिलेगी और 8वीं अनुसूची का नया रास्ता बनेगा।

प्रश्न : पत्र पत्रिकाओं की क्या भूमिका मानते है आप ?
जवाब  : देखिये, हम कितने भी बड़े बड़े आयोजन करते है अगर पत्र पत्रिकाएं इसका उचित प्रचार प्रसार नहीं करेंगे तो लाखों लोगों तक हमारी बात कैसे पहुचेगी। माणक राजस्थानी पत्रिका और जलते दीप का हमेशा राजस्थानी को सहयोग मिलता है और हमें भी मिल रहा है । बड़े छोटे सभी समाचार पत्र पत्रिकाओं को राजस्थानी भाषा की इस मुहिम को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देना चाहिए ।

manak rajasthani patrika

प्रश्न : क्या आप धरना देंगे?
जवाब  : बिल्कुल राजस्थानी को प्रेम करने वाला हर राजस्थानी अपना हक मांग रहा है अगर सरकार हमसे बात नहीं करेगी तो राजस्थान युवाओ का विशाल धरना देखेगा। युवा अपनी मायड़ भाषा को सम्मान दिलवाने के लिये एक जुट हुए है और हक लेंगे अपना।

प्रश्न : युवा जुड़ क्यो रहे है आपकी समिति से?
जवाब  : युवा ऊर्जावान संपति है राज्य की और आप ये समझे कि उनका भविष्य अब राजस्थानी की पर टिका है, प्रसाशनिक सेवाओ से लेकर राज्य में बनने वाली फिल्मों के कलाकार हो या फिर राजस्थानी के इंफ्लुएंसर सभी के सभी मातृभाषा के लिये आगे आये है और खुब काम कर रहे है।

प्रश्न : राजस्थानी युवा समिति को राजवीर सिंह चलकोई अकेले चला रहे है?
जवाब  : ये कितना हास्यास्पद है, उदाहरण से समझो आप, भारतीय टीम सिर्फ विराट कोहली के शतक मात्र से जीत सकती है क्या? कोई भी मैच टीम जितवती है ये सभी का सामूहिक प्रयास है ना राजवीर सिंह चलकोई, ना हिमान्शु शर्मा, ना अरुण राजपुरोहित इस आंदोलन को चला रहे है अब ये आंदोलन राजस्थान के युवा चला रहे है राजस्थानी युवा समिति का एक एक सदस्य नयी दृष्टि से इस मिशन को देख रहा है उनको अपना भविष्य भाषा की मान्यता के साथ दिख रहा है।