लोकजीवन में खुशहाली लाएगा सिंचाई सुविधाओं का विस्तार : रावत

जलसंसाधन मंत्री सुरेशसिंह रावत
जलसंसाधन मंत्री सुरेशसिंह रावत

बांसवाड़ा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर राजस्थान भर में संचालित वन्दे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के अन्तर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा बांसवाड़ा जिले में गुरुवार को आयोजित कार्यक्रमों में जलसंसाधन मंत्री सुरेशसिंह रावत ने भूमि पूजन कर नहरी तंत्र के जीर्णोद्धार, सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार कार्यों की शुरूआत की। जल संसाधन मंत्री ने दायीं मुख्य नहर अन्तर्गत आरडी 64 किमी, गनोड़ा पर आयोजित कार्यक्रम में गनोड़ा, लोहारिया, आसोड़ा और खोडन वितरिका एवं वितरण प्रणाली के जीर्णोद्धार कार्य का भूमि पूजन किया और हरियालो राजस्थान अभियान के अन्तर्गत पेड़ लगाकर वृक्षारोपण गतिविधियों का शुभारंभ किया। जलसंसाधन मंत्री ने इसके बाद घाटोल के हारो बांध पर आयोजित कार्यक्रम में नरवाली, कंटाव, जगपुरा एवं हारो वितरिका एवं वितरण प्रणाली के जीर्णोद्धार कार्य का भूमिपूजन किया। इस मौके पर जल संरक्षण के प्रति व्यापक जनजागृति संचार के उद्देश्य से ‘पानी रो मान राखो, जीवन रो ध्यान राखो’ का संदेश भी दिया गया।

इन दोनों ही भूमि पूजन समारोहों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जल संसाधन मंत्री सुरेशसिंह रावत ने प्रदेश सरकार के इस अभियान को राजस्थान में बहुआयामी खुशहाली लाने का अभियान बताया। सुरेश सिंह रावत ने कहा जल अमूल्य संसाधन है और इसे संरक्षित करना हम सभी की सर्वोपरि जिम्मेदारी है। प्रदेश सरकार द्वारा इस अभियान के माध्यम से गांव-गांव में जल जागरूकता फैलाकर आगामी पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सिंचाई सुविधाओं के विकास एवं विस्तार के लिए निरन्तर भरसक प्रयासों में जुटी हुई है और इनसे संबंधित कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथियों के रूप में गढ़ी विधायक कैलाश मीणा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि गणमान्य उपस्थित रहे।

अभियान की विशेषताएं

प्रदेश भर में 5 जून से जारी यह अभियान 20 जून 2025 तक चलेगा। इसके अन्तर्गत पीएमकेएसवाई (प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना) और मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के अंतर्गत विभिन्न जल संरक्षण गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इनमें विशेष रूप से जल संरक्षण, सिंचाई क्षमता में वृद्धि और किसानों की उपज में सुधार आदि पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। इन आयोजनों में अंचल के किसानों एवं क्षेत्रीय ग्रामीणों ने जल संरक्षण के लिए अपनी सहभागिता का संकल्प लिया और प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में संचालित अभियान पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अभियान के उद्देश्यों में आशातीत सफलता के लिए अपनी आत्मीय सहभागिता दोहराई गई।