
पायलट ने की बगावत करने वालों को सजा देने की पैरवी
जयपुर। राजस्थान में कांगे्रस में चल रही गुटबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। इस बार कोई और नहीं बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी पार्टी के नेताओं पर हमला बोला है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से अनुशासनहीनता करने और बगावत करने वाले नेताओं पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। सचिन यहीं नहीं रुके उन्होंने मंगलवार को मानगढ़ में मोदी द्वारा सीएम गहलोत की गई प्रशंसा पर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि मोदी ने संसद पूर्व कांगे्रस नेता गुलाम नबी आजाद की भी प्रशंसा की थी, जिसके नतीजे सबके सामने हैं।
पत्रकारों से चर्चा में सचिन पायलट ने कहा कि जहां तक राजस्थान की बात है, सब जानते हैं कि 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। वह मीटिंग हो नहीं पाई। उसके लिए खुद मुख्यमंत्री जी ने सॉरी फील किया। माफी भी मांगी थी। पार्टी से भी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी जी से भी। उसके बाद जो पर्यवेक्षक यहां आए थे- अजय माकन और मल्लिकार्जुन खरगे साहब। उन्होंने भी इसे गंभीरता से लिया था। उस पर संज्ञान लेने के बाद एआईसीसी ने इसे अनुशासनहीनता का मामला माना।
पार्टी में कायदे-कानून सबके लिए बराबर
उन्होंने कहा कि तीन लोगों को नोटिस दिया गया। नोटिस का जवाब दिया गया है। मैं मानता हूं कि कांग्रेस एक पुरानी पार्टी है। अनुशासित पार्टी है। इस पार्टी में सबके लिए नियम और कायदे-कानून बराबर हैं। अगर अनुशासनहीनता हुई है और उसका जवाब लिया गया है तो इस पर भी शीघ्र निर्णय होना चाहिए। कोई व्यक्ति कितना भी बड़ा हो, लेकिन पार्टी का नियम, अनुशासन सब पर बराबरी से लागू होता है। मुझे विश्वास है कि (मल्लिकार्जुन) खरगे साहब अभी नए-नए अध्यक्ष बने हैं। उन्होंने पदभार संभाला है। जल्द ही इस पर निर्णय लेंगे। ऐसा तो हो नहीं सकता कि अनुशासनहीनता माना गया, नोटिस भेजा गया, उसका जवाब दिया गया, और उसके बाद कोई भी निर्णय न लिया जाए। निर्णय लिया जाएगा और जल्द लिया जाएगा।
पीएम के मुंह से गहलोत की तारीफ पायलट को लगी दिलचस्प

पायलट ने मानगढ़ धाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ को दिलचस्प बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने भाषण में जो बढ़ाइयां कीं, यह एक बेहद दिलचस्प घटनाक्रम है। इसी तरह प्रधानमंत्री जी ने सदन के अंदर गुलाम नबी आजाद जी की बढ़ाइयां की थी। उसके बाद क्या घटनाक्रम हुआ, यह हम सबने देखा है। मैं इसे दिलचस्प मानता हूं। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा न मिलने का खेद
पायलट ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री से लोगों को बहुत उम्मीद थी। हमारी सरकार ने मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक के तौर पर विकसित करने की मांग की थी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए प्रधानमंत्री ने घोषणा नहीं की। प्रधानमंत्री जी ने ईआरसीपी को लेकर भी कुछ नहीं कहा। चुनाव चल रहे थे तब प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करेंगे। इसका मुझे खेद है। मुझे उम्मीद थी पर ऐसा नहीं हुआ।
यह भी पढ़ें : अधूरी रह गई आस-मानगढ़ को नहीं मिला ‘मान’