
जयपुर। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (2019-21) के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान ने परिवार कल्याण के संकेतकों में जबरदस्त सुधार दर्ज किया है। राज्य प्रतिस्थापन स्तर से नीचे प्रजनन दर 2.0 प्राप्त कर देशभर में अग्रणी राज्यों में है। अब ब्लॉक स्तर पर आंकड़ों का विश्लेषण कर प्रजनन दर में पिछड़ रहे क्षेत्रों के लिए विशेष रणनीति बनाकर कार्यवाही की जाएगी।
विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई के अवसर पर सोमवार को इंदिरा गांधी पंचायतीराज सभागार में राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. पृथ्वी ने सम्बोधित करते हुए परिवार कल्याण के क्षेत्र में मिशन परिवार विकास (एमपीवी) एवं नोन एमपीवी जिलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने सभी जिलों को बधाई दी एवं अन्य जिलों को इनसे प्रेरणा लेकर कार्य करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि राजस्थान ने गत वर्षों में परिवार कल्याण के क्षेत्र में जो उल्लेखनीय कार्य किया है, उसका परिणाम है कि आज प्रदेश देशभर में एक लीडिंग स्टेट के रूप में उभरकर सामने आया है।
शासन सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना, निःशुल्क जांच योजना के सफल क्रियान्वयन से प्रदेशवासियों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवायी जा रही हैं। देशभर में प्रदेश यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज के क्षेत्र में अग्रणी है। उन्होंने दम्पतियों से सम्पर्क कर उन्हें आवश्यकतानुसार परिवार कल्याण सेवाएं सुलभ कराने की दिशा में और अधिक प्रयास करने पर बल दिया।
निदेशक आरसीएच डॉ. के.एल.मीणा ने प्रदेशभर में संचालित परिवार कल्याण गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विश्व जनसंख्या दिवस हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है, जो वैश्विक जनसंख्या मुद्दो के बारे में जागरूकता बढाने का प्रयास करता है। यह आयोजन 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसिल द्वारा शुरू किया गया था। विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य विभिन्न जनसंख्या मुद्दों जैसे कि परिवार नियोजन, लैंगिक समानता, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य और मानव अधिकारों के महत्व पर लोगों की जागरूकता बढ़ाना है।
परियोजना निदेशक परिवार कल्याण डॉ. गिरीश द्विवेदी ने अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से पुरुष सहभागिता सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में कुल 762 सम्मेलन आयोजित किए गए, इन सम्मेलनों में कुल 14269 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
एमपीवी जिलों में बारां रहा प्रथम
परिवार कल्याण क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने वाले एमपीवी के 14 जिलों की श्रेणी में बारां प्रथम, बांसवाड़ा द्वितीय, करौली तृतीय, सवाई माधोपुर चतुर्थ एवं भरतपुर पांचवें स्थान पर रहा। इसी प्रकार नोन एमपीवी के 19 जिलों की श्रेणी में हनुमानगढ प्रथम, झालावाड़ द्वितीय एवं श्रीगंगानगर तीसरे स्थान पर रहा। पीपीआईयूसीडी निवेशन में एमपीवी जिलों की श्रेणी में बांसवाड़ा प्रथम, जैसलमेर द्वितीय एवं बारां तृतीय स्थान पर रहा। इसी प्रकार नोन एमपीवी जिलों की श्रेणी में झालावाड़, अजमेर, गंगानगर, प्रतापगढ़ एवं चित्तौडगढ जिलों को पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मिशन परिवार विकास श्रेणी में उत्कृष्ट प्रदर्शन वाली पंचायत समितियों में बारां जिले की शाहबाद, उदयपुर की सराड़ा एवं करौली की मंडरायल, नोन एमपीवी श्रेणी में चित्तौड़गढ़ की बड़ी सादड़ी, झुंझुनूं की चिड़ावा तथा हनुमानगढ़ की रावतसर क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रही। इसी प्रकार एमपीवी के ग्राम पंचायत श्रेणी में राजसमंद की उमरवास व कोटड़ी एवं करौली की गुढ़ाचन्द्रजी तथा नोन एमपीवी श्रेणी में झालावाड़ की नारायण खेड़ा, जयपुर द्वितीय की वाटिका तथा झालावाड़ की सेमली हाट क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रही।
एमपीवी जिलों में सरकारी चिकित्सा संस्थान श्रेणी में जिला अस्पताल बांसवाडा, उप जिला अस्पताल गंगापुर सिटी, उदयपुर की सीएचसी नाई, बारां जिले की पीएचसी बामला तथा नोन एमपीवी जिलों में सीकर जिले का उप जिला अस्पताल फतेहपुर, जोधपुर की सीएचसी बोरूंदा एवं दौसा की पीएचसी खेडला बुजुर्ग को श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। निजी चिकित्सालय में एमपीवी जिलों में उदयपुर के पेसेफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज उमरडा, हरिओम हॉस्पिटल तथा नोन एमपीवी जिलों में जोधपुर का साईनाथ हॉस्पिटल, भीलवाड़ा का सिटी अस्पताल तथा दौसा का श्यामादेवी मेमोरियल अस्पताल उत्कृष्ट प्रदर्शन की श्रेणी में रहे।