पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया से मिले किसान नेता

Farmer leaders met Punjab Governor Gulabchand Kataria
Farmer leaders met Punjab Governor Gulabchand Kataria

मांगों के जल्द समाधान का मिला आश्वासन

चंडीगढ़। पंजाब के किसान संगठनों के नेता गुलाबचंद कटारिया से मिलने के बाद राज्यपाल निवास (राजभवन) के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि उनकी मांगों पर चर्चा सकारात्मक रही। राज्यपाल ने उन्हें आश्वस्त किया है कि किसानों की सभी मांगों को केंद्र सरकार के समक्ष शीघ्रता से उठाया जाएगा और जल्द से जल्द समाधान निकाला जाएगा। किसान नेता राजेवाल ने कहा कि बैठक में प्रमुख मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा की गई। इसमें एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी, फसल बीमा योजना में सुधार, कर्ज माफी, और बिजली की दरों में कटौती जैसे मुद्दे शामिल थे। उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने किसानों के आंदोलन के प्रति सहानुभूति व्यक्त की और आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को न केवल गंभीरता से लिया जाएगा बल्कि उनका समाधान भी शीघ्रता से किया जाएगा।

राजभवन के बाहर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता जगजीत सिंह डलेवाल की सेहत को लेकर भी चर्चा हुई। राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने डलेवाल की बिगड़ती सेहत पर चिंता जाहिर की और कहा कि वह इस मुद्दे पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही एक समुचित समाधान निकालने के लिए कदम उठाएगी।
राजेवाल ने यह भी बताया कि राज्यपाल ने किसानों को आश्वस्त किया है कि वह शुक्रवार सुबह दिल्ली में केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रियों से बात करेंगे और शाम तक किसान नेताओं को अपडेट देंगे।

किसान आंदोलन का समाधान जल्द संभवः

राज्यपाल ने आंदोलन कर रहे किसानों की मांगों को लेकर चिंता जताई और कहा कि पंजाब के किसानों का हित सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को केंद्र और राज्य स्तर पर सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ सुलझाने का प्रयास किया जाएगा।

किसानों की मांगों पर बनी सहमति का संकेतः

किसान नेताओं और राज्यपाल की बैठक को लेकर आंदोलनकारी किसानों में उम्मीद की नई किरण जगी है। किसान नेताओं ने कहा कि यदि शुक्रवार को दिल्ली से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है तो आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। इस बैठक को किसान आंदोलन के समाधान की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। किसान नेताओं और राज्य सरकार के बीच संवाद की इस प्रक्रिया ने एक सकारात्मक संकेत दिया है कि जल्द ही आंदोलन समाप्त हो सकता है।