किसानों ने कहा-केन्द्र सरकार RSS के लोगों को भेजकर माहौल बिगाड़ रही है

26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली में हिंसा के बाद किसान आंदोलन हर दिन नए मोड़ ले रहा है। आंदोलन के सबसे बड़े पॉइंट सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को फिर स्थानीय लोगों की भीड़ पहुंची। ये लोग नारेबाजी करते हुए किसानों से बॉर्डर खाली करने की मांग करने लगे। 26 जनवरी को लाल किले की घटना पर इनका कहना था कि तिरंगे का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही कहा कि किसान आंदोलन के चलते लोगों के कारोबार भी ठप हो रहे हैं।

इससे पहले किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि केंद्र सरकार आरएसएस के लोगों को भेजकर किसानों के धरनास्थल पर माहौल बिगाड़ रही है। कल (गुरुवार) उन्होंने दो बार ऐसा किया। कृषि कानूनों की वापसी होने तक हम वापस नहीं जाएंगे।

सिंघु बॉर्डर चारों तरफ से सील, पक्के बैरिकेड्स लगाए

सिंघु बॉर्डर पर भी सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। धरनास्थल को चारों तरफ से ब्लॉक कर पक्के बैरिकेड्स लगाए गए हैं। उधर, टीकरी बॉर्डर पर भी भारी फोर्स तैनात है। क्योंकि, ये दोनों बॉर्डर ही किसान आंदोलन के अहम पॉइंट हैं।

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