
तनाव एक ऐसी समस्या जिससे बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी जूझते हैं। कई बार बच्चे तनाव में होते हैं, लेकिन पेरेंट्स से कह नहीं पाते। बच्चों का मन कोमल होता है, वे आसानी से किसी चीज को लेकर तनाव में आ जाते हैं। एक्जाम का टेंशन, दूसरे बच्चे से तुलना आदि बच्चों के तनाव में आने के मुख्य कारण हैं। बच्चों के आसपास की गतिविधियों का उन पर गहरा असर पड़ता हैं, इसलिए जरूरी है कि बच्चे के आसपास पॉजिटिव एनवायरमेंट रखें। ऐसा देखा गया है कि बच्चे जब तनाव में होते हैं, तो उनके स्वभाव में कई बदलाव देखने को मिलते हैं, जिन्हें पेरेंट्स को सही समय पर पहचानना जरूरी है।
बुरे सपने

अगर बच्चा तनाव में होता है, तो उसे अक्सर बुरे सपने आते हैं। नींद में डर का एहसास होना, रोना, चिल्लाना आदि बच्चे के तनाव में होने का संकेत हैं। इसे पहचानें और बच्चे से बात करें।
पढ़ाई में नहीं कर पा रहा है फोकस
जब बच्चा तनाव में होता है, तो उसे पढ़ाई में या किसी भी चीज में ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बच्चे से बात करना जरूरी हो जाता है कि आखिर उसे किस बात का स्ट्रेस है।
बच्चे का आक्रमक होना

कुछ बच्चे तनाव में होते हैं, तो आक्रमक हो जाते हैं। जैसे-काटना, लात मारना या चिल्लाना आदि जैसी हरकतें करने लगते हैं। इस दौरान उन्हें डांटने के बजाय उन्हें किस चीज से परेशानी हैं, इसका कारण जानने की कोशिश करें।
रिश्तेदारों या दोस्तों से नहीं मिलना
कई बार जब बच्चा तनाव में होता है तो वह रिश्तेदारों या अपने दोस्तों से मिलना-जुलना बंद कर देता है। तनावग्रस्त बच्चा अक्सर अकेला रहने की सोचता है।
खाने की आदत का बदलना
बच्चा तनाव में होता है, तो अचानक उसकी खाने की आदतों में बदलाव देखने को मिलता है। चाहें, वह कम खाए या ज्यादा दोनों ही तनाव होने के संकेत हैं।
छोटी-छोटी बातों पर मुंह फुला लेना
बच्चे छोटी-छोटी बातों पर ओवररिएक्ट करने लगे या गुस्सा होने लगे, तो यह भी तनाव का संकेत हो सकता है।
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