आटा, बेसन, दाल, तेल मिलों को मिलेगी अनुमति, करना होगा यह काम

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जयपुर । उद्योग आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल ने लॉक डाउन के दौरान आवष्यक वस्तुओं का विनिर्माण और आपूर्ति करने वाली औद्योगिक इकाइयों को अनुमति के संबंध में जिला उद्योग केन्द्रों के महाप्रबंधकों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

औद्योगिक इकाइयों को अनुमति के संबंध में दिशा-निर्देश जारी

उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा जारी निर्देशों और केन्द्र व राज्य सरकार की समय-समय पर जारी एडवाइजरी की भी सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाए।

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आयुक्त उद्योग अग्रवाल ने जारी निर्देशों में कहा गया है कि महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्रों द्वारा पहले चरण में आटा, बेसन, दाल और तेल मिलों को अनुमति दी जा सकेगी।

उन्होंने स्पष्ट किया है कि अन्य विनिर्माण या सेवा इकाइयां के लिए स्थानीय आवश्यकतानुसार अनुमति दिया जाना जरुरी है तो जीएम डीआईसी स्वयं की अभिषंषा के साथ जिला कलेक्टर के माध्यम से अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग/प्रबंध निदेशक रीको को आवश्यक कार्यवाही के लिए ईमेल या उपयुक्त माध्यम से भिजवाएंगे।

आयुक्त उद्योग द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अनुमति प्राप्त इकाई में जिस कार्य के लिए अनुमति दी गई है वही उत्पादन कार्य किया जाएगा।

इसके साथ ही ऐसी इकाई में न्यूनतम श्रमिकों व कार्मिकों को ही कार्य की अनुमति होगी और इन कार्मिकों को स्थानीय आवास से इकाई तक ही आने-जाने की अनुमति होगी।

इकाई में स्वच्छता, सेनेटाइजेषन, वायरस संक्रमण रोकने के आवष्यक उपाय के साथ ही सोशियल डिस्टेंस आदि की सख्ती से पालना करनी होगी।

इसके साथ ही इकाई में किसी के भी वायरस संक्रमण, बुखार, खांसी, जुखाम अथवा अन्य संक्रमण की स्थिति में ततकाल प्रशासन को जानकारी देने के साथ ही चिकित्सकीय जांच करानी होगी।

आयुक्त अग्रवाल ने बताया कि अनुमति प्राप्त इकाइयों को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा समय समय पर जारी एडवाइजरी की शत प्रतिशत पालना सुनिश्चित करनी होगी।

महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र संबंधित इकाई के उद्यमी, प्रबंधक व कार्मिकों की सूची, पता, मोबाईल नंबर, आईडी आवष्यक रुप से रखेंगे।

गौरतलब है गृह विभाग द्वारा दिनांक 26 मार्च को जारी निर्देशों के क्रम में एसीएस उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल द्वारा 26 मार्च को जारी निर्देशों के क्रम में दिषा निर्देश जारी किए गए हैं।

एसीएस उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य स्तर पर अतिरिक्त निदेशक अविन्द्र लढड़ा और संयुक्त निदेषक आरके आमेरिया को मोनेटरिंग के लिए प्रभारी बनाया गया है।

इसके साथ ही समन्वय के लिए संयुक्त निदेशक एसएस शाह और पीआर शर्मा व ऑनलाईन कंपनियों से समन्वय के लिए संयुक्त निदेशक संजय मामगेन को समन्वयक बनाया गया है।

संयुक्त निदेशक संजीव सक्सेना को केन्द्र व राज्य सरकार से प्राप्त निर्देशों की मोनेटरिंग व सीएसआर कंपनियों से समन्वय के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि दिशा-निदेर्शों की पालना सुनिश्चित कराने के साथ ही जिला उद्योग केन्द्रों को कंट्रोल रुम में नियमित सूचना भेजनी होगी। राज्य स्तर पर भी मोनेटरिंग की व्यवस्था की गई है।

जयपुर । उद्योग आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल ने लॉक डाउन के दौरान आवष्यक वस्तुओं का विनिर्माण और आपूर्ति करने वाली औद्योगिक इकाइयों को अनुमति के संबंध में जिला उद्योग केन्द्रों के महाप्रबंधकों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा जारी निर्देशों और केन्द्र व राज्य सरकार की समय-समय पर जारी एडवाइजरी की भी सख्ती से पालना सुनिष्चित की जाए।

आयुक्त उद्योग अग्रवाल ने जारी निर्देशों में कहा गया है कि महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्रों द्वारा पहले चरण में आटा, बेसन, दाल और तेल मिलों को अनुमति दी जा सकेगी।

उन्होंने स्पष्ट किया है कि अन्य विनिर्माण या सेवा इकाइयां के लिए स्थानीय आवष्यकतानुसार अनुमति दिया जाना जरुरी है तो जीएम डीआईसी स्वयं की अभिषंषा के साथ जिला कलेक्टर के माध्यम से अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग/प्रबंध निदेषक रीको को आवष्यक कार्यवाही के लिए ईमेल या उपयुक्त माध्यम से भिजवाएंगे।

आयुक्त उद्योग द्वारा जारी निर्देषों में कहा गया है कि यह सुनिष्चित किया जाएगा कि अनुमति प्राप्त इकाई में जिस कार्य के लिए अनुमति दी गई है वही उत्पादन कार्य किया जाएगा।

इसके साथ ही ऐसी इकाई में न्यूनतम श्रमिकों व कार्मिकों को ही कार्य की अनुमति होगी और इन कार्मिकों को स्थानीय आवास से इकाई तक ही आने-जाने की अनुमति होगी।

इकाई में स्वच्छता, सेनेटाइजेषन, वायरस संक्रमण रोकने के आवष्यक उपाय के साथ ही सोषियल डिस्टेंस आदि की सख्ती से पालना करनी होगी।

इसके साथ ही इकाई में किसी के भी वायरस संक्रमण, बुखार, खांसी, जुखाम अथवा अन्य संक्रमण की स्थिति में ततकाल प्रषासन को जानकारी देने के साथ ही चिकित्सकीय जांच करानी होगी।

आयुक्त अग्रवाल ने बताया कि अनुमति प्राप्त इकाइयों को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा समय समय पर जारी एडवाइजरी की शतप्रतिषत पालना सुनिष्चित करनी होगी।

महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र संबंधित इकाई के उद्यमी, प्रबंधक व कार्मिकों की सूची, पता, मोबाईल नंबर, आईडी आवष्यक रुप से रखेंगे।

गौरतलब है गृह विभाग द्वारा दिनांक 26 मार्च को जारी निर्देषों के क्रम में एसीएस उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल द्वारा 26 मार्च को जारी निर्देषों के क्रम में दिषा निर्देष जारी किए गए हैं।

एसीएस उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य स्तर पर अतिरिक्त निदेषक अविन्द्र लढ़डा और संयुक्त निदेषक आरके आमेरिया को मोनेटरिंग के लिए प्रभारी बनाया गया है।

इसके साथ ही समन्वय के लिए संयुक्त निदेशक एसएस शाह और पीआर शर्मा व ऑनलाईन कंपनियों से समन्वय के लिए संयुक्त निदेषक संजय मामगेन को समन्वयक बनाया गया है। संयुक्त निदेषक संजीव सक्सेना को केन्द्र व राज्य सरकार से प्राप्त निर्देषों की मोनेटरिंग व सीएसआर कंपनियों से समन्वय के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि दिषा-निर्देषों की पालना सुनिष्चित कराने के साथ ही जिला उद्योग केन्द्रों को कंट्रोल रुम में नियमित सूचना भेजनी होगी। राज्य स्तर पर भी मोनेटरिंग की व्यवस्था की गई है।