हाल ही में एक बेहद दुखद घटना सामने आई है, पटियाला में एक 10 साल की बच्ची का, केक खाने की वजह से निधन हो गया। यह केक उस बच्ची के जन्मदिन के लिए मंगाया गया था, जिसे खाने के बाद उस बच्ची और उसके पूरे परिवार की तबियत बिगडऩे लगी। केक खाने के बाद से ही बच्ची को बेहद प्यास लगने लगी थी और उसका मुंह सूख रहा था, वहीं उसकी छोटी बहन को उल्टियां होने लगी थी। हालांकि, इसके बाद वह रात को सो गई, लेकिन अगले दिन सुबह के समय उसकी हालत और बिगड़ गई, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। मृत्यु की वजह फूड पॉइजनिंग बताई जा रही है।
डॉक्टर्स का कहना है कि उस बच्ची की छोटी बहन की जान इसलिए बच गई क्योंकि उसे उल्टी हो गई थी, जिससे उसके भीतर से कंटैमिनेटेड फूड बाहर आ गया था, लेकिन उस बच्ची को नहीं बचाया जा सका। फूड पॉइजनिंग के इस मामले के बाद यह बेहद जरूरी है कि इसके लक्षणों के बारे में पता हो, ताकि वक्त रहते इलाज करवाया जा सके। इसलिए हम आपको फूड पॉइजनिंग के लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं क्यों होती है फूड पॉइजनिंग और कैसे कर सकते हैं इसकी पहचान।
क्यों होती है

फूड पॉइजनिंग खराब खाना या पानी के सेवन की वजह से होता है। खाने में कोई हानिकारक बैक्टिरिया, वायरस, फंगस या कोई जहरीला पदार्थ मौजूद होने की वजह से फूड पॉइजनिंग होती है। शरीर में कंटैमिनेटेड खाना जाने की वजह से शरीर उस टॉक्सिन को बाहर निकालने की कोशिश करता है, जिस कारण फूड पॉइजनिंग के लक्षण नजर आने शुरू होते हैं।

आमतौर पर, यह एक से दो दिन में ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर रूप ले लेता है, जिसका वक्त पर इलाज न मिलने पर जान जाने का जोखिम भी रहता है। यह समस्या बच्चों, प्रेग्नेंट महिला और बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकती है।
फूड पॉइजनिंग आमतौर पर तब होता है, जब खाना बासी हो, गंदगी में बनाया गया हो, फलों और सब्जियों को अच्छे से धोया न गया हो, गंदे हाथों से खाने को छूना या खाना, अच्छे से पकाया न गया हो या सही तरीके से स्टोर न किया गया हो।
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