
जयपुर। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट-2024 के दौरान राज्य सरकार के साथ एमओयू करने वाले उद्यमी प्रदेश में बिना किसी बाधा के उद्योग लगा सकें। इसके लिए पहली बार रीको प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में सीधे (डायरेक्ट) भूखंड आवंटन कर सकेगा। अभी तक उद्यमियों को नीलामी में ही औद्योगिक भूखंड खरीदने पड़ते थे। निवेशकों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने प्रत्यक्ष भूखंड आवंटन योजना को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की इस अनूठी पहल का प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक संगठनों और औद्योगिक समूहों ने स्वागत किया है। औद्योगिक संगठनों और निवेशकों का कहना है कि इस पॉलिसी के जरिए राइजिंग राजस्थान में हुए पूंजी निवेश समझौतों को अधिकाधिक संख्या में धरातल पर उतारा जा सकता है। अभी देश में इन्वेस्टमेंट एमओयू की कनर्वजन रेट सबसे ज्यादा गुजरात की 13 प्रतिशत है। लेकिन, राजस्थान इसमें भी देशभर में जल्द बेंच मार्क स्थापित करेगा।
भूखण्ड आवंटन योजना जारी

उद्योग विभाग के प्रमुख शासन सचिव एवं रीको चेयरमैन अजिताभ शर्मा ने बताया कि प्रदेश में सुगमता से उद्योग स्थापित करने के लिए भूमि आवंटन के लिए रीको प्रबंधन द्वारा प्रत्यक्ष भूखण्ड आवंटन योजना जारी कर दी गई है। इस योजना में जिन उद्यमियों ने राइजिंग राजस्थान के दौरान एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं उनकी पात्रता को देखते हुए औद्योगिक भूखण्ड आवंटित किए जाएंगे। रीको द्वारा भूखण्ड आवंटित करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है जिस पर उद्यमी ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
राइजिंग राजस्थान से खुले नए द्वार
शर्मा ने बताया कि रीको ने भी राज्य में औद्योगिकीकरण को बढावा एवं राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट-2024 के दौरान निष्पादित हुए एमओयू को निवेश में परिवर्तित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है जिसके अन्तर्गत रीको द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए प्रत्यक्ष भूखण्ड आवंटन योजना तैयार स्वीकृत की गई है।
उन्होंने बताया कि एमओयू निष्पादित कर चुके उद्यमी रीको के चिन्हित औद्योगिक क्षेत्रों में भूखण्ड की निर्धारित आरक्षित दर पर विभिन्न क्षेत्रफल के अधिकतम तीन भूखण्डों (वरीयता क्रम में) के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट एवं ईएमडी के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए उद्यमी अपनी रूचि अनुसार एक ही औद्योगिक क्षेत्र अथवा वरीयता क्रम में विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में अधिकतम तीन भूखण्डों के लिए विकल्प दे सकता है।
प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा ने समस्त आवेदनों का मूल्यांकन उनके द्वारा प्रस्तुत प्रोजेक्ट रिपोर्ट में वर्णित प्रस्तावित स्थायी पूंजी निवेश, प्रदान किये जाने वाले रोजगार, उत्पादन समय सीमा, उद्योग संचालन का अनुभव, निर्यातोन्मुखी इकाई, वर्तमान इकाई के विस्तार हेतु भूमि की आवश्यकता एवं टर्न ओवर आदि कारकों के आधार पर किया जाएगा। उक्त किए जाने वाले मूल्यांकन के आधार पर अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले आवेदक को प्रथम वरीयता क्रम में एक ही भूखण्ड का आवंटन होगा। एमओयू करने वाले उद्यमी/ग्रुप को एक ही भूखण्ड का आवंटन किया जाएगा। किसी भूखण्ड पर एक से अधिक आवेदकों द्वारा अधिकतम अंक समान होने की स्थिति में अधिकतम निवेश का प्रस्ताव देने वाले आवेदक को ऐसे चिन्हित भूखण्ड का आवंटन किया जाएगा। अगर किसी भूखण्ड पर प्रथम वरीयता के आवेदन प्राप्त नहीं होते हैं तब क्रमश: द्वितीय एवं तृतीय वरीयता वाले आवेदनों पर विचार किया जाएगा।
राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट-2024 के तहत चिन्हित उपखंड अथवा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक क्षेत्र की प्रचलित दर पर रीको द्वारा स्थापित नवीन औद्योगिक क्षेत्रों में ऑनलाइन ई-लॉटरी के माध्यम से 50 प्रतिशत बिक्री योग्य औद्योगिक भूमि (आरक्षित भूखण्डों सहित) में एमएसएमई जिन्होंने एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं, उनको औद्योगिक भूखण्डों का आवंटन होगा। इसमें भी उनके द्वारा दी गई प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर ही भूखण्ड आवंटन किया जाएगा। प्रमुख शासन सचिव, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग एवं रीको के चेयरमैन अजिताभ शर्मा ने बताया कि लंबे समय से उद्यमियों की मॉंग थी कि रीको को सिर्फ ई-नीलामी के स्थान पर प्रत्यक्ष आवंटन भी किए जाने चाहिए ताकि उचित कीमत पर भूमि उपलब्ध हो सके। राजस्थान सरकार ने भी इस पर सकारात्मक रूख दिखाते हुए इस संबंध में दिशा निर्देश दिए।
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