पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास का निधन

डॉ. गिरिजा व्यास
डॉ. गिरिजा व्यास
  • गणगौर पर पूजा करते वक्त झुलसी थीं, अहमदाबाद में तोड़ा दम

  • प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रहीं थीं

उदयपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री डॉ. गिरिजा व्यास का गुरुवार को निधन हो गया। वे 79 वर्ष की थीं। अहमदाबाद स्थित जायडस हॉस्पिटल में गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। वे एक महीने पहले 31 मार्च को गणगौर पूजा के दौरान चुन्नी में आग लगने से झुलस गई थीं। 90 प्रतिशत झुलसने से उनकी हालत बिगड़ती गई और गुरुवार को उनका निधन हो गया। कांग्रेस के राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय और स्थानीय नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है। उनके परिवारजन उनका पार्थिव शरीर लेकर अहमदाबाद से उदयपुर रवाना हो गए हैं। फिलहाल अंत्येष्टि का समय निर्धारित नहीं हुआ है। गिरिजा व्यास केंद्र और राज्य में मंत्री रहीं। वे राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष भी रहीं। उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रहते हुए महिलाओं के कल्याण को लेकर कई काम किए।

गिरिजा व्यास ने 2018 में आखिरी विधानसभा चुनाव उदयपुर शहर सीट से लड़ा था। उनको बीजेपी के गुलाबचंद कटारिया ने हराया था। राजसमंद जिले के नाथद्वारा में जन्मी गिरिजा के पिता स्वतंत्रता सेनानी थे। मां शिक्षिका थीं। उन्होंने उदयपुर में आकर उदयपुर यूनिवर्सिटी (वर्तमान में मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी) से स्नातक और स्नातकोत्तर किया था। बाद में दिल्ली यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। उन्होंने उदयपुर के सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के दर्शनशास्त्र विभाग में प्रोफेसर के रूप में भी काम किया था। साल 1977 से 1984 तक जिला कांग्रेस कमेटी, उदयपुर की जिलाध्यक्ष रहीं। 1985 से 1990 तक राजस्थान में विधायक रहीं। 1986 से 1990 तक पर्यटन राज्य मंत्री का भी दायित्व भी निभाया। डॉ. गिरिजा राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष भी रहीं।

1990 से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य रहीं। 1991 में पहली बार लोकसभा पहुंचीं। 1991 से 1993 तक केंद्र में सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री रहीं। 1993 में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं। 1996 में 11वीं और 1999 में 13वीं लोकसभा की सदस्य निर्वाचित हुईं। राष्ट्रीय महिला आयोग की दो बार 2005 से 2008 और 2008 से 2011 तक अध्यक्ष रहीं। गिरिजा व्यास कवयित्री और लेखिका भी थीं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुखपत्र कांग्रेस संदेश पत्रिका की मुख्य संपादक रहीं।