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गीता में सनातन संस्कृति का सार, प्रत्येक सनातनी गीता का अनुसरण अवश्य करे : विधानसभा अध्यक्ष
जयपुर। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि गीता युगों-युगों से सनातन संस्कृति का सार है। प्रत्येक सनातनी को अपने जीवन में गीता को आत्मसात करना चाहिए। गीता इस दुनिया की सभी तरह की समस्याओं का समाधान है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बुधवार को अजमेर शहर में विविध स्थानों पर गीता जयंती समारोह में भाग लिया। देवनानी के निवास पर गीता जयंती पर भव्य धार्मिक आयोजन किए गए। इस आयोजन में अजमेर शहर में 150 से अधिक मंदिरों के पुजारियों ने भाग लिया। उन्होंने गीता की शिक्षाओं को समाज में प्रचारित करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में देवनानी ने कहा कि गीता विश्व का सबसे महत्वपूर्ण एवं पवित्र ग्रन्थों में से एक है। भगवान कृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया, शिक्षा दी वह मानव जीवन का सार है।

प्रत्येक मनुष्य अगर अपने जीवन में गीता की शिक्षाओं का अनुसरण कर ले, उसे आत्मसात कर ले तो विश्व की समस्त समस्याओं का समाधान हो सकता है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज सबसे अधिक जरूरत युवा पीढ़ी को सनातन के संस्कारों से परिचित कराने एवं उसका अनुसरण कराने की है। हमने अपने शिक्षा मंत्री काल में राज्य की प्रत्येक विद्यालय में गीता पढ़ने के लिए रखवाई थी। देवनानी ने अपने निवास पर आए अजमेर के सभी प्रमुख मंदिरों के पुजारियों को गीता भी भेंट की। उन्होंने सूचना केन्द्र में आयोजित कार्यक्रम में छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत गीता की प्रस्तुतियों पर उन्हें शाबासी और बधाई दी।