
जयपुर। राजस्थान में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के अंतिम छह महीनों के दौरान लिए गए बड़े निर्णयों की समीक्षा प्रक्रिया एक बार फिर टाल दी गई है। कैबिनेट सब कमेटी ने मंगलवार को सचिवालय में हुई बैठक में सभी संबंधित विभागों को दो माह की मोहलत दी है ताकि वे अपने स्तर पर समीक्षा करके विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत कर सकें। इसके बाद ही कमेटी सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिन मामलों में भूमि आवंटन के बाद लीज राशि जमा नहीं कराई गई है या अब तक कब्जा नहीं लिया गया, उनके संबंध में अलग से रिपोर्ट तैयार की जाए। गौरतलब है कि गहलोत कार्यकाल के अंतिम महीनों में भूमि आवंटनों और अन्य प्रशासनिक फैसलों को लेकर गड़बड़ी के आरोप लगते रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर जो कि इस कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष भी हैं, ने बताया कि कुछ मामलों में विभागों को स्वतंत्र निर्णय लेने के निर्देश दिए गए हैं।
गहलोत सरकार के ऐसे मामलों में रिपोर्ट आने के बाद ही कमेटी कोई अंतिम निर्णय ले सकेगी। कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने जानकारी दी कि कई भूमि आवंटन मामलों में लीज की राशि जमा कर कब्जा लिया जा चुका है, जबकि कुछ में केवल आवंटन हुआ पर कब्जा नहीं लिया गया। दोनों ही प्रकार के मामलों की अलग-अलग श्रेणी में रिपोर्टिंग के निर्देश दिए गए हैं। कमेटी ने स्पष्ट किया है कि यदि सितंबर के पहले सप्ताह तक विभागों से ब्योरा मिल जाता है, तो रिव्यू प्रक्रिया पूरी कर सितंबर के अंत या अक्टूबर में फाइनल रिपोर्ट सरकार को सौंपी जा सकती है। कानून मंत्री ने यह भी कहा कि रिपोर्ट की समयसीमा विभागों की प्रतिक्रिया पर निर्भर है और उसी के अनुरूप कैबिनेट कमेटी सिफारिशें करेगी।
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