पार्टी को फायदा होना चाहिए, कांग्रेस मजबूत होनी चाहिए, मैं बस यही चाहता हूं : गहलोत

अशोक गहलोत
अशोक गहलोत

सोनिया से मिलने दिल्ली पहुंचे गहलोत

कांग्रेस अध्यक्ष के लिए गहलोत का नाम आगे

जयपुर/ दिल्ली । कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का चुनाव लडऩा तय हो गया है। इस सिलसिल में वे बुधवार को दिल्ली पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से होनी है। हालांकि वे यहां से सीधे कोच्ची जाएंगे और राहुल गांधी से मंत्रणा करेंगे। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में गहलोत ने किसी भी पद का मोह नहीं होने की बात कही है।

किसी भी पद का मोह नहीं : गहलोत

सारे घटनाक्रम को लेकर मीडिया से बातचीत में गहलोत ने कहा, अगर पार्टी के लोग मुझे चाहते हैं, उन्हें लगता है कि अध्यक्ष पद या सीएम पद पर मेरी जरूरत है तो मैं मना नहीं कर सकता। हमारे लिए पद कोई मायने नहीं रखता। समय बताएगा कि मैं कहा रहूंगा, कहां नहीं रहूंगा। एक पद, एक व्यक्ति फॉर्मूला पर उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा तो ये है कि मैं किसी पद पर न रहूं, क्योंकि मैं बहुत पद पर रह चुका हूं। मेरे उपस्थिति से पार्टी को फायदा होना चाहिए, कांग्रेस मजबूत होना चाहिए, मैं यह चाहता हूं।

अशोक गहलोत
अशोक गहलोत

मुख्यमंत्री पहले दिल्ली में सोनिया गांधी अध्यक्ष के चुनाव को लेकर चर्चा करेंगे। इसके बाद वे केरल के कोच्चि जाएंगे, वहां राहुल गांधी से मुलाकात कर पूरे मामले में चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, मैं एक बार और प्रयास कर रहा हूं राहुल गांधी को अध्यक्ष पद के लिए मनाने का। मैं अपने मुख्यमंत्री रहने या न रहने की बात नहीं कर रहा हूं, यह समय बताएगा। मैं वहां रहना पसंद करूंगा, जहां मेरे रहने से पार्टी को फायदा मिल रहा हो।

इससे पहले जयपुर में मंगलवार रात कांग्रेस विधायक दल की बैठक में गहलोत ने अध्यक्ष पद पर नामांकन भरने के साफ संकेत दिए थे। विधायकों को गहलोत ने उनके नामांकन करने पर दिल्ली आने तक के लिए भी कहा।

राहुल गांधी से मिलकर दिल्ली लौटेंगे, फिर आगे का मूवमेंट

विधायक दल की बैठक में राहुल गांधी को आखिरी बार मनाने की बात भी गहलोत ने की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि राहुल नहीं माने तब वे खुद नामांकन करेंगे। राहुल गांधी की कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नामांकन के लिए हां या ना सुनने के बाद वे दिल्ली लौटेंगे। राहुल की फाइनल राय के बाद अब आगे का मूवमेंट तय होगा।

पिछले दिनों कांग्रेस डेलिगेट्स की बैठक में भी गहलोत ने हाथ खड़े करवाकर राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग वाला प्रस्ताव पारित कराया था। गहलोत की कोच्चि यात्रा भी इसी एक्सरसाइज के तौर पर देखी जा रही है। गहलोत का दिल्ली और कोच्चि दौरे के बाद आगे भी सियासी दौरों का प्रोग्राम है। अगले तीन से चार दिन तक गहलोत दिल्ली में रहकर अध्यक्ष के चुनाव की रणनीति बनाएंगे।

पायलट की भूमिका तय होने में भी रहेगा रोल

गहलोत का कोच्चि दौरा अध्यक्ष पद के चुनाव के साथ साथ राजस्थान की सियासत के हिसाब से भी अहम माना जा रहा है। वे अगर अध्यक्ष का चुनाव लड़ते हैं तो सचिन पायलट के अगले रोल को लेकर भी बात होगी। पायलट भी राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होने कोच्चि गए हुए हैं।

गहलोत राजस्थान cm  पद से लेकर उनके अध्यक्ष के नामांकन तक को लेकर राहुल गांधी से बात करेंगे।

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