
23 अप्रैल को दुनियाभर में विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है। बता दें, 1995 में यूनेस्को की एक आमसभा हुई थी, जिसमें किताब के प्रति लोगों की रुचि बढ़ाने और लेखकों को सम्मान दिलाने के मकसद से यह दिन चुना गया था। किताबें पढऩे से ज्ञान और समझ बढ़ती है, इस बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि इस गुड हैबिट से कैसे आपकी सेहत में भी गजब का निखार आता है? जी हां, भले ही आज ऑनलाइन रीडिंग का चलन बढ़ा है, लेकिन बावजूद इसके ऑफलाइन रीडिंग का अपना अलग मजा है। आइए आपको बताते हैं कि किताबें पढऩे से कैसे आपकी मेंटल हेल्थ को लाजवाब फायदे होते हैं।
नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है

समय पर नींद और सुकून की नींद, इन दो चीजों की चाहत लोगों को सोने-चांदी से भी ज्यादा होती है। ऐसे में आपको बता दें, कि रीडिंग को अपनी हैबिट बना लेने से नींद न आने की समस्या को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है। नींद चाहिए, तो किताब खोल लो… इस बात पर हंसी-मजाक तो आपने कई बार सुना होगा, लेकिन आज जान लीजिए कि ये वाकई सच है। किताब के कुछ पन्ने पलटते हुए आपका दिमाग इसमें डूब जाता है और गहरी नींद आती है। अगर यकीन नहीं, तो आजमाकर देख सकते हैं।
तनाव से दिलाए राहत

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने लिए समय निकाल पाना लोगों के लिए मुश्किल-सा बन गया है। अकेलेपन से परेशान व्यक्ति न सिर्फ आत्मविश्वास में पीछे रह जाता है, बल्कि तनाव का शिकार भी हो जाता है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि स्ट्रेस को कम करने में किताबें कितनी मददगार होती हैं? बता दें, कई स्टडीज में भी ये बात सामने आ चुकी है कि तनाव को दूर करने में रीडिंग काफी कारगर है।
हार्ट रेट में सुधार
क्या आप जानते हैं कि किताबें पढऩे से हार्ट रेट में भी सुधार आता है? जी हां, जब आप तसल्ली से बैठकर किताब पढ़ते-पढते उसमें खो जाते हैं, तो ऐसे में बॉडी रिलैक्स हो जाती है और नसों को आराम मिलता है। इससे न सिर्फ आपकी मेंटल हेल्थ बढिय़ा होती है, बल्कि ऑफिस और घर के कामों के बोझ तले दबने से जो सिरदर्द और थकान महसूस होती है, उससे भी राहत मिलती है। ऐसे में कोशिश करें कि सुबह-सवेरे या रात का थोड़ा समय रीडिंग को दें।
दिमागी विकास होता है
इंसान होने का सही मकसद तभी पूरा माना जाता है, जब आप दूसरों के सुख-दुख को अपना-सा समझने लगते हैं। बता दें, कि किताबें पढऩे से दिमाग का बेहतर विकास होता है और आप चीजों को लेकर ज्यादा संवेदनशील बन पाते हैं। ऐसे में जो लोग इस परेशानी में रहते हैं कि न जाने क्यों वे दूसरों के लिए कुछ सोच नहीं पाते हैं, तो ऐसे में किताबों से दोस्ती करके देख सकते हैं।
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