बालिकाएं बौद्धिक कौशल विकास के साथ आगे बढ़ें : पाठक

महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव डॉ़.के.के.पाठक ने कहा है कि बालिका अपने बौद्धिक कौशल विकास के माध्यम से आगे बड़े व अपने व्यक्तित्व का निर्माण कर आत्मनिर्भर बने। उन्होंने कहा कि बालिका अपनी निष्ठा, लगन, मेहनत के बल पर समाज में आदर्श बन दुसरों के लिए पे्ररणादायी बने।

शासन सचिव पाठक रविवार को महिला अधिकारिता विभाग एवं समेकित बाल विकास सेवाएं के संयुक्त तत्वधान में आयोजित राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन सीखने का नाम है, जिसमें जितने भी गुण सीख सके वह भी कम है इसलिए बालिका कौशल के साथ नवाचार भी करें।

उन्होंने बालिकाओं का आह्वान करते हुए कहा कि बच्चों को पढ़ाना आज की महती आवश्यकता होने के साथ समाज में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के संदेश को आगे बढ़ाने व शिक्षा, पोषण व स्वास्थ्य की अलख जगाकर नव निर्माण करें। उन्होंने कहा कि विभाग वर्ष 2008 से प्रदेश में राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन कर रहा है।

विभाग द्वारा शिक्षा, पोषण स्वास्थ्य में बेहतरीन कार्य करने के साथ कोविड-19 में ऑनलाईन शिक्षा केे लिए किया गया कार्य सराहनीय कदम रहा हैं। उन्होंने बालिकाओं का आह्वान करते हुए कहा कि सामथ्र्य ही शक्ति है और शक्ति के भीतर अनेक शक्तियां छिपी हुई है उन्हें पहचानकर आगे बढं़े व डाक्टर, इन्जीनियर बनने के साथ समाज में रचनात्मक कार्य कर दुसरों के लिए एक मिसाल बनें।