समाज की सोच बदलने से बेटियों को मिला मौका, अब हर क्षेत्र में अव्वल : चौहान

धौलपुर। कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल के निर्देशन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद चेतन चौहान के मुख्य आतिथ्य एवं सीडीईओ धौलपुर मुकेश कुमार गर्ग की अध्यक्षता में अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस का आयोजन कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय पुरानी छावनी में हुआ।

कार्यक्रम में मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बालिकाओं के अधिकारों पर चर्चा कर कन्या भ्रूण हत्या एवं अन्य अपराधी गतिविधियों पर अंकुश लगाने पर चर्चा कर बालिका उत्थान हेतु सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया। पूर्व प्राचार्य विधि महाविद्यालय डॉ तलत फातिमा ने मिशन बुनियाद पर विचार साझा करते हुए बालिकाओं की सेना में भागीदारी एवं बालिका शिक्षा पर अपने विचार रखे।

उन्होंने जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल की सराहना करते हुए कहा कि जिले में बालिकाओं को बढ़ावा देने के लिए आत्म रक्षा सहित कई महत्वपूर्ण नवाचार किये है। उन्होंने बच्चियों के उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि मुझे नारी होने पर गर्व है।सीडीईओ मुकेश गर्ग ने कार्यक्रम में पधारे हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि बेटियाँ प्रत्येक परिवार के लिए अनमोल धरोहर के समान है।

बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक प्रयास किये जाने चाहिए। प्रधानाचार्य मदन लाल शर्मा ने बेटियों पर आधारित कविता सुना कर उत्साहवर्धन किया। बालिकाओं के द्वारा कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। बालिकाओं ने अलग अलग मॉडल बनाकर एवं स्टॉल लगाकर नवाचार प्रदर्शन का कार्य किया। कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को नगद पारितोषिक एवं प्रतीक चिन्ह पानी की बोतल देकर सम्मानित किया गया।

नवाचार, सृजनशीलता और रचनात्मकता हर किसी के अंदर छुपी है। बस पहल करने की इच्छा शक्ति चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिले के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय खुर्द में एक दिन का विद्यालय संचालन वहां पढऩे वाली छात्राओं ने किया। विद्यालय के शिक्षक विवेक शर्मा ने बताया कि सभी अध्यापकों ने अपनी कुर्सियां बच्चियों के नाम कर विद्यालय की सबसे प्रतिभाशाली बालिका अंजली को प्रधानाध्यापिका बनाया तथा रश्मि, किरण, खुशी, प्रांजली,सुषमा आदि बालिकाओं को अध्यापिका बनाया गया। बालिकाओं को विद्यालय कार्य समझाया गया।

सरमथुरा में लुपिन फाउंडेशन द्वारा संचालित बहुउद्देश्यीय कौशल प्रशिक्षण केंद्र पर आज का दिन ओर दिनों से अलग था। देश मे भले ही संसद न चल रही हो पर अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर बालिका संसद का आयोजन किया गया। सब कुछ देश की संसद जैसा था, अध्यक्ष, प्रधानमंत्री से लेकर विपक्ष तक। सवाल से लेकर जवाब तक। शोर शराबे से लेकर मेज थपथपाने तक।

हर वो रंग था जो आमतौर पर संसद में नजर आता है। इसके आयोजन के पीछे के उद्देश्य को बताते हुए लुपिन के सुबोध गुप्ता ने बताया कि सर्वांगीण विकास शिक्षा का लक्ष्य है, जिसके लिये दायित्व बोध उत्पन्न करने के साथ उनमें लोकतंत्र के प्रति निष्ठा भावना का प्रसार करना आवश्यक है। इस संसद का आयोजन लुपिन के बहुउद्देश्यीय कौशल प्रशिक्षण केंद्र पर सीखने आने वाली सभी बालिकाओं ने मिलकर किया।

बालिका संसद में स्वच्छता, स्वास्थ्य पर ध्यान, शिक्षा का महत्व, लड़का और लड़की में भेदभाव, स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं आदि से जुड़े सवाल विपक्ष की तरफ से किये गए और सरकार की तरफ से जबाब दिए गए। सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री, स्पीकर,ग्रहमंत्री , स्वास्थ्य मंत्री, विपक्ष का नेता चुना गया। प्रधानमंत्री के लिए चुनी गई कृष्णा शर्मा ने कहा कि हमने कभी संसद को चलते न देखा बस नाम ही सुनते आए पर आज जब खुद इसमें भाग लिया तो लोगो से जुड़े मुद्दों की जानकारी के साथ किये जा रहे कार्यों की जानकारी भी मिली।

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