
डूंगरपुर। कांठल नगर ग्रामीण के तत्वावधान में आयोजित क्षत्रिय युवक संघ का शिविर में शिविर प्रमुख गंगासिंह साजियाली ने मां भगवती को याद करते हुए दैनिक जीवन में यज्ञ, ध्यान व योग का माहात्म्य बताया। उन्होंने कहा कि भगवान ने हमें मनुष्य जीवन में भी क्षत्रिय जाति में जन्म दिया है। इसलिए इस शरीर का प्रत्येक कर्म त्याग व समर्पण से युक्त होना है। संसार में अमृत तत्व की रक्षा का कार्य क्षत्रिय का स्वाभाविक धर्म है और उसी तत्व की रक्षा करने वालों को अपना कर्तव्य हमेशा याद रखना चाहिए।
कार्यक्रम के समापन में वागड़ क्षत्रिय महासभा की केंद्रीय कार्यकारिणी व ब्लॉक के सदस्य सम्मिलित हुए। संघ के संभाग प्रमुख भंवर सिंह बेमला ने वेदिककाल से क्षत्रिय के किए गए त्याग व तप को याद करते हुए कहा कि हमें भौतिक संसार के पीछे नहीं भागकर हमारे स्वधर्म की पालना कर सहज जीवन जीना चाहिए। क्षत्रिय को हर कार्य धर्म को केंद्र में रखकर करना होगा। अर्थ, काम जैसे पुरुषार्थ उसके लिए दूसरे स्तर के होने चाहिए।
कार्यक्रम में वागड़ क्षत्रिय महासभा के ब्लॉक अध्यक्ष नागेन्द्रसिंह सटोड़ा ने बताया कि क्षत्रिय युवक संघ की अनोखी कार्यप्रणाली प्रत्येक बालक को मनोवैज्ञानिक ढंग से व्यवहारिक परिवर्तन की और ले जाकर एक सफल जीवन जीने की प्रेरणा देता है। शिविर में बालक के अंदर अमृत तत्व का बीजारोपण होता है जो उसे सद प्रवृत्तियों की ओर ले जाता है। बालक मन का नियमन होना प्रारम्भ होता है।
संघ राजपूत जाति की आध्यात्मिक कार्यशाला है जो कि अदृश्य शक्तियों से चलती है। कार्यक्रम में 120 बालक सम्मिलित हुए। शिविर में प्रत्येक बालक के परिवारजन उपस्थित रहे। स्थानीय रत्नावाड़ा गांव के रिटायर्ड पुलिस उप निरीक्षक मोहनसिंह ने बताया कि समाज को ऐसे कार्यक्रम समय की मांग अनुसार गांव में आयोजित करने चाहिए। रत्नावाड़ा के बहादुर सिंह, महिपालसिह, अरविंद सिंह, शक्ति सिंह, रायसिंह व समस्त युवक मंडल उपस्थित थे। मध्यप्रदेश के प्रभारी गुमानसिंह वलाई, चित्तौड़ के नरेन्द्र सिंह नरधारी, बांसवाड़ा के हनुमन्त सिंह, डूंगरपुर सिंह, टेंकबहादुर सिंह, अरविंद सिंह गेहूंवाड़ा सहित बड़ी संख्या में क्षत्रिय समाज जन उपस्थित थे।