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जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित
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जनजाति विकास कोष राशि 1500 करोड़ से बढ़ाकर की 1750 करोड़
जयपुर। जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि जनजाति कल्याण की भावना से हमारी सरकार आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिए कृत संकल्पित है। राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं से अनुसूचित क्षेत्र, माडा क्षेत्र, माडा कलस्टर, बिखरी जनजाति योजना क्षेत्र व सहरिया आदिम जनजाति क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रही है। खराड़ी ने जनजातीय महानायकों को याद करते हुए कहा कि आदिवासी समाज ने देश की आजादी, मातृभूमि, संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए प्राणों की आहुतियां दी हैं। देश के विकास में उनका महत्वपूर्ण स्थान है। राज्य सरकार जनजाति नायकों को इतिहास में उचित स्थान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
गत बजट में डूंगर बरंड़ा, बांसिया चारपोटा के स्मारक बनाने तथा वीर बालिका कालीबाई संग्रहालय का निर्माण कराने के लिए घोषणा की गई थी, इनका कार्य प्रगतिरत है। इनके निर्माण से भावी पीढ़ी गौरवशाली विरासत को समझ सकेगी।जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री शुक्रवार को विधान सभा में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (मांग संख्या-30) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने विभाग की 361 अरब 14 करोड़ 76 लाख 03 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी। जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री ने कहा कि विभाग ने अपने छात्रावासों में अधीक्षक कैडर निर्माण के लिए बड़ी पहल की है।
इसके लिए छात्रावास अधीक्षक (महिला) ग्रेड-2 व छात्रावास अधीक्षक (पुरुष) ग्रेड-2 के पदों को कार्मिक विभाग की अधिसूचना 16 जनवरी, 2025 से राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा (समान पात्रता परीक्षा) नियम, 2022 में शामिल कर दिया गया है। विभाग द्वारा 470 अधीक्षक के पदों पर भर्ती के लिए प्रस्ताव राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को भिजवाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। खराड़ी ने कहा कि वर्तमान बजट में भी जनजाति विकास को लेकर बड़ी घोषणाएं की गई हैं। जनजातीय उपयोजना क्षेत्र में आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से जनजाति विकास कोष की राशि 15 सौ करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1750 करोड़ रुपये किए जाने की घोषणा हुई है। उन्होंने सदस्यों और जनजाति क्षेत्र निवासियों को आश्वस्त किया कि बजट घोषणाओं को समयबद्ध पूर्ण करा लिया जाएगा।