
जयपुर। राजस्थान में फोन टैपिंग के मामले पर विधानसभा में गरमागरम बहस हुई, जहां गृहराज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने सरकार का पक्ष रखते हुए स्पष्ट किया कि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा का फोन सर्विलांस पर नहीं लिया गया है।
गृहराज्य मंत्री ने सदन में कहा कि फोन सर्विलांस के लिए एक तय प्रक्रिया और कमेटी होती है, जिसकी अनुशंसा के बिना किसी का भी फोन टैप नहीं किया जा सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि नए कानूनों और नियमों के तहत फोन टैपिंग बिना उचित प्रक्रिया के संभव नहीं है।
सरकार के इस जवाब पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने संतोष जाहिर करते हुए कहा कि यदि सरकार ने फोन टैपिंग नहीं की, तो फिर सरकार पर आरोप लगाने वाले मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही? विपक्ष ने सवाल उठाया कि यदि मंत्री का दावा गलत था, तो सरकार उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं कर रही?
टीकाराम जूली ने राइजिंग राजस्थान समारोह के दौरान की गई मंत्री किरोड़ीलाल मीणा की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को उनके प्रति अविश्वास था, इसीलिए उन्होंने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने सरकार पर सवाल दागते हुए कहा कि अगर मंत्री पर विश्वास नहीं था तो उनका इस्तीफा क्यों नहीं स्वीकार किया गया?
सरकार की सफाई के बाद भी विपक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा जारी रखी और सदन में बहस तेज हो गई। इसके बाद विपक्ष ने सदन की चर्चा में पूरी तरह भाग लेना शुरू कर दिया। फोन टैपिंग का यह मुद्दा राजनीतिक तकरार का नया मोड़ बनता दिख रहा है।