राज्यपाल कलराज मिश्र ने किया प्रवासी राजस्थानियों से संवाद

कहा – राजस्थान के सर्वागीण विकास में प्रवासी बनें भागीदार

प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रवासियों से कहा है कि राजस्थान आपका घर है। आप सभी राजस्थान के मूल निवासी हैं। यहां आपकी जड़ें है। आप अपनी मातृभूमि के विकास में योगदान करें। हमें मिलकर इस प्रदेश के लिए बहुत कुछ करना है। मेरी प्राथमिकता है कि प्रदेेश का चहुंमखी विकास हो। इसके लिए हमें दिव्यांगों, बालिकाओं और महिलाओं को विकास की मुख्य धारा से जोडऩा है। दिव्यांगों की हर संभव मदद के प्रयास करने हैं। उनको आगे बढऩे के अवसर देने है। राज्यपाल ने कहा कि आप सभी लोग राजस्थान आयें और प्रदेेश के सर्वागीण विकास में भागीदार बनें।

राज्यपाल मिश्र ने राजभवन से वीडियों कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से राजस्थान एसोसिएशन यूके द्वारा आयोजित एक वेबिनार में दुनियाभर के प्रवासी राजस्थानियों से चर्चा की। राज्यपाल ने प्रवासियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का जवाब दिया। राज्यपाल ने कहा कि राजस्थान के प्रवासी जब कभी भी राजस्थान आयें, वे राजभवन जरूर आयें। राजस्थान के प्रवासी जब चाहें वे राज्य के प्रथम नागरिक से बात कर सकते हैं, मुलाकात कर सकते हैं। राजभवन राजस्थान के प्रवासियों के लिए भी खुला हुआ है।

राज्यपाल मिश्र ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि महात्मा गांधी की ‘सत्य के प्रयोग’ और रामधारी सिंह दिनकर की ‘संस्कृत के चार अध्याय’ पुस्तकें उनके लिए प्रेरणादायी हैं। राज्यपाल ने कहा कि इन पुस्तकों को सभी लोगों को पढऩा चाहिए। आप सभी समर्थ है। मेरा आप सभी से अनुरोध है कि आप लोग अपनी इस मातृभूमि के लिए यदि कुछ मदद करना चाहे तो अवश्य करें।

प्रवासी राजस्थानियों ने राज्यपाल से पूछे कई प्रश्न, राजस्थानी भाषा को मान्यता का मुद्दा भी उठाया

कार्यक्रम में राज्यपाल से संवाद करते हुए कई प्रवासी राजस्थानियों ने अपने मन की बात रखी। कार्यक्रम के शुरूआत में राजस्थान एसोसिएशन यूके के आलोक शर्मा ने मंच का संचालन करते हुए सभी सम्मानित अतिथियों का राज्यपाल से परिचय करवाया। उनके बात स्वागत उद्बोधन में लंदन से हरेंद्र जोधा ने राजस्थान एसोसिएशन के उद्देश्यों के बारें में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही एसोसिएशन के पिछले 5 सालों में किये गये कार्यो सें राज्यपाल को अवगत कराया। एसोसिएशन की सफलता का श्रय उन्होंने पूर्ण रूप से समर्पित एसोसिएशन के सदस्यों को दिया ।

लंदन से मेम्बर ऑफ हाउस ऑफ कॉमन्स – ब्रिटिश सांसद वीरेंद्र शर्मा ने अपने विचार प्रकट करते हुए दोनों देशों के बीच रिश्तों को और अधिक मजूबत करने,संस्कृति को जोडऩे की बात कही। उन्होंने एसोसिएशन को उनके कार्यो के लिए विशेष बधाई दी।

लंदन में मेंबर ऑफ हाउस ऑफ लॉर्ड्स बरोनेस संदीप वर्मा ने कहा कि राजस्थान की संस्कृति महान है ओर इसको लंदन में मजबूत करने का काम राजस्थान एसोसिएशन यूके बहुत ही प्रभावी तरीके से कर रही है। दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत करने में राजस्थान एसोसिएशन यूके बड़ी भूमिका निभा रही है। उन्होंने शिक्षा, बच्चों व महिलाओं के विकास योजनाओं व समाजिक कार्यो पर जोर दिया।

जयपुर से संस्कृति युवा संस्था के अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा ने लंदन में मिनी राजस्थान बसाने का श्रेय राजस्थान ऐसोसिएशन यूके को दिया।राजस्थान से निकलकर वे एक परिवार के रूप में कार्य कर रहे है ।

लंदन से दिलीप पुंगलिया ने राज्यपाल से प्रवासी राजस्थानियों और नई जनरेशन भविष्य में कैसे उनसे जुड़े रहे इस पर जानकारी चाही। वहीं दुबई से नवीन शर्मा ने राज्यपाल से गल्फ देशों में रहने वाले प्रवासियों का पुन: देश लौटने व उद्योग आदि के बारे में जानकारी चाही। मैनचेस्टर से नरेश नरुका ने राज्यपाल से उनके लिखने के शौक और राजस्थान में रहने के अनुभव के बारे में विचार साझा करने का निवेदन किया। वहीं जापान में रहने वाले हेमंत दीक्षित ने अपने बचपन व शिक्षा का अनुभव राज्यपाल से साझाा किया।

राजस्थानी भाषा की मान्यता पर भी बोले राज्यपाल मिश्र

माणक पत्रिका व दैनिक जलतेदीप की ओर से प्रवासी राजस्थानी राखीसिंह गहलोत ने राजस्थानी भाषा की मान्यता का सवाल राज्यपाल से पूछा। 10 करोड़ राजस्थानियों की मातृभाषा को मान्यता के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता का मुद्दा जब में संसद में था तब भी कई बार उठता रहा है।

राजस्थान विधानसभा से भी संकल्प पारित हो चुका है। मगर भाषा की मान्यता की एक प्रक्रिया होती है जो दिल्ली में मौजूद कमेटी नियमानुसार इस पर आगे बढ़ रही है। उन्होने कहा कि मैंने इस मामले में अब तक जो जानकारी ली है वह पूरी तरह सकारात्मक है। मुझे उम्मीद है इसके परिणाम अच्छे ही होंगे। आपकी सब लोगों की अपेक्षा भविष्य में निश्चित रूप से पूरी होने की मुझे उम्मीद है।

राज्यपाल के साथ लाइव वेबिनार में कई राजस्थानी, फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़ कर राजस्थानी भाषा की मान्यता के मुद्दे पर सवाल करते नजर आये। इन मातृभाषा प्रेमियों के कारण ही अब यह मांग जन आंदोलन में बदलती नजर आ रही है।

यह भी जुड़े कार्यक्रम से – कार्यक्रम में दुनिया भर से प्रवासी राजस्थानी जुड़े। जिसमें विशेष रूप से अनुभव चौधरी (यूके), सोहन चौधरी (लंदन), अनुजा हिरानी (बर्घिंगम), एश्वर्या गोयल, अजय धानिया, दीपक मेहता (माणक पत्रिका, दैनिक जलतेदीप व माणक टीवी) हरगोविंद सिंह राणा (जर्मनी) विक्रम सिंह शेखावत (ऑस्ट्रेलिया) सूर्यप्रताप सिंह भाटी (स्विजरलैंड) ऋषिराज सिंह (लंदन), रहीस भारती (फ्रांस) भाग लिया।