“रंग राजस्थान” थियेटर महोत्सव का भव्य समापन

जवाहर कला केंद्र
जवाहर कला केंद्र

जयपुर। जवाहर कला केंद्र और राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में चल रहे दस दिवसीय थियेटर महोत्सव रंग राजस्थान कल समापन दिवस था। ये महोत्सव कला एवं संस्कृति विभाग, राजस्थान पर्यटन विभाग, राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, एवं जवाहर कला केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में जयपुर की जानी-मानी रंगमंच संस्था रंग मस्ताने द्वारा आयोजित कराया गया। महोत्सव के समापन दिवस पर 12 बजे से जवाहर कला केंद्र के अलंकार गैलरी में अभिनेत्री झिलमिल हजारिका की स्पीच और वॉयस पर मास्टरक्लास का आयोजन किया गया। मास्टरक्लास में अभिनेताओं ने अपनी आवाज़ को और बेहतर कैसे किया जा सकता है इसके गुर सीखे।

इसके बाद 3 बजे से जवाहर कला केंद्र के कृष्णायन सभागार में राजेंद्र पांचाल द्वारा निर्देशित नाटक बांदरवाल का मंचन हुआ। ये नाटक निर्देशक की अपनी मातृभाषा हाड़ौती के प्रति प्रेम को प्रकट करता है l निर्देशक स्वयं प्रस्तुति में उपस्थित रहकर अपनी भाषा के प्रसिद्ध कवियों की रचनाओं को साझा करता है l ये नाटक रघुराज सिंह हाड़ा, दुर्गादान सिंह गौड़, मुकुट मणिराज, गिरधारीलाल मालव, अम्बिकादत्त की रचनाओं को एक सूत्र में बांधती हुई प्रदर्शित होता है। शुभ कार्यों में घर के दरवाजे पर बांधे जाने वाली झालर को बन्दनवार कहते हैँ l श्रृंगार रस के गीतों की झालर को मंच पर प्रस्तुत करने के कारण इस प्रस्तुति को बान्दरवाळ नाम दिया है। फिर शाम 5 बजे से रंगायन सभागार में अभिषेक गोस्वामी के निर्देशन में नाटक किस्से किनारों का मंचन हुआ। जयपुर की नाट्य संस्था ब्रीदिंग स्पेस का नया नाटक ‘क़िस्से किनारों के’ अदम गोंडवी, प्रेमचंद, हीरा डोम, डॉ. भीमराव आंबेडकर, आशु ठाकुर, ओमप्रकाश वाल्मीकि और अली सरदार जाफ़री के साहित्य पर आधारित है।

यह नाटक हाशिया समाज के जीवन के मार्मिक क्षणों के माध्यम से, सामाजिक रूढ़ियों पर वार करते हुए, दर्शकों से जीवन की मूलभूत जरूरत के लिए स्वतंत्रता पर पुनर्विचार करने पर मजबूर करता है। नाटक का निर्देशन एवं परिकल्पना अभिषेक गोस्वामी ने किया। आशु, आशीष, अनुप्रास, काजोल, हरिओम, प्रीति, निरंजन, सूरज, विभा, सोनू, यामिनी, प्रदीप्त, विजय, कमलेश, गर्वित, प्रशांत सम्पूर्ण मंचन टीम का हिस्सा रहे। और शाम 7 बजे से जवाहर कला केंद्र के मध्यवर्ती में महोत्सव के समापन पर लोक कला प्रकार मीणा बाटी की प्रस्तुति रखी गई। जिसमें श्रोताओं ने खूब आनंद उठाया। इसके बाद रंग राजस्थान में सभी कार्यकर्ताओं को एक प्रशस्ति पत्र देकर उनका सम्मान किया गया।

रंग राजस्थान में इस बार 300 से ज्यादा कलाकार मौजूद रहे। और लगभग देश के 20 निर्देशकों जिनमें रतन थियाम, ऐना मिर्था, आशीष चारण, गोपाल आचार्य, रुचि भार्गव, राजेंद्र पांचाल, आकर्ष खुराना, अभिषेक विजय, धीरज भटनागर, अजय कुमार, ओवियाकुली खोदजाकुली, श्वेता चौलगाईं खत्री, सुदेश व्यास, झिलमिल हजारिया, शामिल थे। महोत्सव में रंगमंच के दिग्गजों के साथ बातचीत का सत्र, मास्टर क्लास, और कहानी सुनाने का कार्यक्रम भी रखा गया। साथ ही 25 से ज्यादा थिएटर प्रस्तुति और लोक प्रस्तुति हुई। महोत्सव का समापन राजस्थान लोक कला मीना बाटी से हुआ।