गुजरात ब्रिज हादसा : 134 की मौत

गुजरात ब्रिज हादसा
यह दर्दनाक तस्वीर गुजरात के एक अस्पताल की है, जहां लाशों के ढेर लग गए।

क्षमता से अधिक लोगों के पुल पर आने से हुई घटना  जिम्मेदार कंपनी पर हत्या का मामला दर्ज

गांधीनगर। गुजरात के मोरबी पुल हादसे में मृतकों की संख्या सोमवार सुबह 134 पहुंच गई। इनमें 25 बच्चे हैं। मृतकों में महिलाओं और बुजुर्गों की संख्या भी ज्यादा है। 170 लोग रेस्क्यू किए गए हैं। हादसा रविवार शाम 6.30 बजे तब हुआ, जब 765 फीट लंबा और महज 4.5 फीट चौड़ा केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया। 143 साल पुराना पुल ब्रिटिश शासन काल में बनाया गया था।

यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। कुछ दिन पहले ही इसकी मरम्मत की गई थी। हादसे से 5 दिन पहले 25 अक्टूबर को यह ब्रिज आम लोगों के लिए खोला गया। रविवार को यहां भीड़ क्षमता से ज्यादा हो गई। हादसे की भी यही वजह बताई जा रही है। हादसे का 30 सेकंड का वीडियो भी सामने आया है। इसमें 15 सेकेंड के बाद पुल टूट गया और लोग मच्छू नदी में समा गए। वीडियो देखने के लिए आप ऊपर लगी फोटो पर क्लिक कर सकते हैं।

4 बड़े अपडेट्स…

1. मोरबी हादसे में मारे गए लोगों का पोस्टमॉर्टम नहीं किया जाएगा।
2. राजकोट के भाजपा सांसद के परिवार के 12 लोग हादसे में मारे गए।
3. एनडीआरएफ के अफसर ने आशंका जताई है कि पुल के नीचे शव फंसे हो सकते हैं।
4. हेल्पलाइन नंबर 02822243300) जारी। मोरबी और राजकोट हॉस्पिटल में इमरजेंसी वार्ड बना।

राष्ट्रीय एकता दिवस पर बोलते-बोलते पीएम मोदी का गला रूंधा

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी का गला भर आया।

पीएम मोदी केवडिय़ा में राष्ट्रीय एकता दिवस पर बोल रहे थे। इस दौरान वे भावुक हो गए। कहा- जिन लोगों को अपना जीवन गंवाना पड़ा, उनके परिवारों को प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। बचाव कार्य में एनडीआरएफ, सेना और वायुसेना की टीमें लगी हुई हैं। लोगों को दिक्कतें कम हों, ये कोशिश है।

बनने के बाद से पुल का कई बार रेनोवेशन किया जा चुका है। हाल ही में दिवाली से पहले इसके मरम्मत का काम 2 करोड़ की लागत से किया गया था। मोरबी के भाजपा सांसद मोहन कुंडारिया ने बताया कि ब्रिज टूटने से जहां लोग गिरे, वहां 15 फीट तक पानी था। कुछ लोग तैरकर बाहर निकल आए, लेकिन कई लोग झूले पर अटके रहे।

सड़क एवं भवन विभाग मंत्री जगदीश पांचाल ने बताया कि यह पुल नगर निगम के दायरे में आता है। निगम के अधिकारियों ने बताया कि ब्रिज की क्षमता 100 लोगों की है, लेकिन रविवार की छुट्टी होने के चलते हादसे के वक्त ब्रिज पर 400 से 500 लोग जमा थे। इसी के चलते ब्रिज बीच से टूट गया।

1. जिम्मेदारी किसकी, एक्शन क्या हुआ

गुजरात ब्रिज हादसा
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ब्रिज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है। इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ एक समझौता किया है। ग्रुप के पास ब्रिज की सुरक्षा, सफाई, रखरखाव, टोल वसूलने, स्टाफ का प्रबंधन है। इस कंपनी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है। कमेटी बनाई गई है, जो हादसे की जांच कर जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपेगी।

2. रेस्क्यू

गुजरात ब्रिज हादसा
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रात में ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आर्मी और वायुसेना की टीमें पहुंच गई थीं। इनके अलावा जामनगर यानी 100 किमी. दूर से वायुसेना के 50 गरुड़ कमांडो भी पहुंचे। सोमवार सुबह एनडीआरएफ अफसर ने बताया कि कुछ शव पुल के नीचे फंसे हो सकते हैं। मटमैले पानी की वजह से लोगों को ढूंढने में दिक्कत आ रही है। रेस्क्यू बोट्स, तैराक, गोताखोर के अलावा दर्जनभर टीमें ऑपरेशन में जुटी हैं।

3. मदद

गुजरात ब्रिज हादसा
घटनास्थल पर परिजनों को तलाशने पहुंचे लोग।

राज्य और केंद्र सरकार दोनों ने हादसे के प्रभावितों को मदद का ऐलान किया है। केंद्र मृतकों के आश्रितों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपए देगा। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि मृतकों के आश्रितों को 4 लाख और घायलों को 50 हजार दिए जाएंगे।

4. आरोप

कांग्रेस ने कहा कि चुनाव की जल्दबाजी में भाजपा ने पुल को लोगों के लिए जल्दी खोल दिया। खुलने के 5 दिन बाद ही पुल कैसे ढह गया। इसकी जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुआई में जांच कमेटी बनानी चाहिए।

गुजरात ब्रिज हादसा
अपनों की तलाश : अस्पताल में लाशों के बीच परिजनों को ढूंढ़ते हुए।

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