अड्डा गांव में फिर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने महापंचायत बुलाई, प्रशासन अलर्ट मोड पर

भरतपुर। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने ढाई साल बाद फिर अड्डा गांव में सुबह महापंचायत बुलाई है। इसमें 80 गांवों के लोग आएंगे। महापंचायत से जुड़़े लोगों का दावा है कि करीब 20 हजार लोग शामिल होंगे, पर प्रशासन का मानना है कि करीब पांच हजार लोग जुट सकते हैं। महापंचायत में लोगों का जुटना शुरू हो गया है। आस-पास से लोग महापंचायत स्थल पर पहुंच रहे हैं।

इधर, सरकार ने जिला कलेक्टर नथमल डिडेल के जरिए संयोजक कर्नल किरोड़ी बैंसला को वार्ता का प्रस्ताव भेजा है। इसकी पुष्टि जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने की है। मगर कर्नल बैंसला ने शुक्रवार देर रात तक कोई जवाब नहीं दिया था। इधर, प्रशासन ने बयाना, बैर, भुसावर, रूपवास समेत कई जगह शुक्रवार रात 12 बजे से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। 2350 जवान तैनात किए गए हैं।

देर रात बैंसला से मिले आईएएस नीरज के पवन

सरकार ने देर रात कर्नल बैंसला से बातचीत के लिए आईएएस नीरज के पवन को विशेष दूत के तौर पर भेजा। शुक्रवार देर रात नीरज भरतपुर के एसपी और कलेक्टर के साथ हिंडौन सिटी स्थित कर्नल बैंसला के आवास पर पहुंचे। पवन ने कर्नल बैंसला को सरकार की तरफ से वार्ता के लिए न्योता दिया।

वहीं, गुर्जरों की मांगें मानने के लिए सरकार का मसौदा बताया। आईएस नीरज भरतपुर व करौली के कलेक्टर रह चुके हैं। वे सीएम गहलोत के साथ-साथ बैंसला के भी निकट समझे जाते हैं और पूर्व के कई गुर्जर आंदोलनों में मध्यस्थ की भूमिका निभा चुके हैं।

गुर्जर समाज का कूच, प्रशासन अलर्ट मोड पर

एसपी अमनदीप सिंह ने बताया कि 6 एएसपी, 12 डीवाईएसपी सहित पुलिस के करीब 2100 जवान तैनात किए गए हैं। सभी पुलिसकर्मियों के अवकाश रद्द कर दिए गए हैं। इसके अलावा रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए 100 आरएएफ व 150 जीआरपी के जवान तैनात किए गए हैं। गैंगमैन को अलर्ट किया गया है।

महापंचायत पर शुक्रवार को शेरगढ़ गांव स्थित राजेश पायलट स्कूल परिसर में गुर्जर समाज की बैठक हुई। सभी ने एकसुर में महापंचायत को सफल बनाने तथा मांगों के लिए सरकार पर दबाव बनाने की बात कही। कई वक्ताओं ने आंदोलन की कमान बैंसला के पुत्र विजय बैंसला के संभालने पर नाराजगी दिखाई।

बयाना को इसलिए चुनाव

गुर्जर बहुल और राशन की उपलब्धता होने के कारण हर बार बयाना का पीलूपुरा गुर्जर आंदोलन का केंद्र बनता है। 80 से ज्यादा गांव गुर्जर बहुल हैं। यहां 2006, 2007, 2008, 2010 और 2018 में गुर्जर आंदोलन हो चुके हैं।