एच1वीजा : भारतीयों को यूएस वीजा में नहीं होगी दिक्कत : प्रेम भंडारी

राना अध्यक्ष प्रेम भंडारी

अमेरिका में एच-1 बी पर विवाद गहरा गया है। प्रमुख समाजसेवी, एनआरआई लीडर व राजस्थान एसोसिएशन ऑफ़ नार्थ अमेरिका राना के अध्यक्ष प्रेम भंडारी ने न्यूयॉर्क से बातचीत में कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के कुछ समर्थकों की ओर से दिखाए गए भारत-विरोधी और प्रवासी-विरोधी भावनाओं के कारण कुशल श्रमिकों को अमेरिका में अपने अवसर खोजने में मुश्किल हो सकती है। इससे भविष्य की प्रतिभाओं को अलग-थलग करने का खतरा हो सकता है। यह बात अमेरिका के अनुकूल नहीं मानी जा सकती। प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए अमेरिका को राजनीतिक विचारधाराओं से परे अपनी विविधता और योग्यता-आधारित प्रणाली के प्रति प्रतिबद्धता पुन: स्थापित करनी होगी।

ग्रीन कार्ड बैकलॉग जैसी समस्याओं का समाधान हो

ग्रीन कार्ड
ग्रीन कार्ड

भंडारी ने कहा कि कार्यक्रम आधुनिक और विस्तारित करने की आवश्यकता है, न कि इसे सीमित करने की। यह जरूरी है कि हम ऐसे योग्यता-आधारित सुधारों पर ध्यान केंद्रित करें, जो निष्पक्षता सुनिश्चित करें और साथ ही सर्वश्रेष्ठ वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करते रहें। इसके अलावा उन्होंने सुझाव दिया कि प्रक्रियाओं को सरल बनाना, मनमाने सीमा प्रतिबंध हटाना और ग्रीन कार्ड बैकलॉग जैसी समस्याओं का समाधान करना सिस्टम अधिक प्रभावी और न्यायसंगत बनाएगा।

अमेरिका में नवाचार और आर्थिक विकास का एक अहम हिस्सा

उन्होंने कहा कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में कुशल प्रवासी श्रमिकों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, कुशल प्रवासी श्रमिकों के योगदान को लेकर जो विरोध हो रहा है, वह उनका महत्व समझने में गलती दर्शाता है। कुशल प्रवासी कामगारों की ओर से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में लाए गए योगदान का जो विरोध हो रहा है, वह इस मूल्य की गहरी गलतफहमी दर्शाता है। भारत का इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और चिकित्सा के क्षेत्रों में उच्चतम स्तर की प्रतिभा उत्पन्न करने का एक मजबूत इतिहास है। ऐसे में यह प्रतिभा अमेरिका में नवाचार और आर्थिक विकास का एक अहम हिस्सा बन रही है और यह कोई खतरा नहीं बल्कि संपदा है।

यह अमेरिकी श्रमिकों की जगह लेने का सवाल नहीं

भंडारी ने कहा, विदेश से आने वाले कुशल श्रमिक अमेरिकी कार्यबल में महत्वपूर्ण कमी पूरी करते हैं, जिससे अमेरिका कृत्रिम बुद्धिमत्ता,सॉफ़्टवेयर विकास और बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में अपनी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त बनाए रख सकता है। उन्होंने कहा कि यह अमेरिकी श्रमिकों की जगह लेने का सवाल नहीं है, बल्कि यह विभिन्न प्रकार की प्रतिभाओं के समूह को मजबूत और पूरक बनाने का विषय है। गौरतलब है कि उनका यह बयान तब आया है जब अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के बीच एच-1 बी कार्यक्रम को लेकर असहमति बढ़ी है। यह कार्यक्रम अमेरिकी कंपनियों को विशेष क्षेत्रों में विदेशी श्रमिकों को नौकरी देने की अनुमति देता है।

एच-1 बी एक विस्तृत विवरण

एच-1 बी एक अमेरिकी वीज़ा श्रेणी है जिसे अमेरिकी कंपनियाँ विदेशों से विशेष पेशेवरों और कुशल श्रमिकों को काम पर रखने के लिए जारी करती हैं। यह वीज़ा खासकर उन व्यक्तियों के लिए है जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित, चिकित्सा, और अन्य पेशेवर क्षेत्रों में उच्च शिक्षा (बैचलर डिग्री या उससे ऊपर) रखते हैं।

एच-1 बी की मुख्य बातें

एच-1 बी की पात्रता

एच-1 बी उस व्यक्ति को मिलता है, जो किसी अमेरिकी कंपनी में विशिष्ट पेशेवर पद पर काम करने के लिए चयनित हो। उम्मीदवार को आमतौर पर एक उच्च शैक्षिक योग्यता (कम से कम एक बैचलर डिग्री या समकक्ष) की आवश्यकता होती है। इसे खासतौर पर ऐसे क्षेत्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है जहाँ उच्च कौशल की आवश्यकता होती है, जैसे आईटी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, और अन्य पेशेवर क्षेत्रों में।

एच-1 बी की अवधि

एच-1 बी प्रारंभ में तीन साल के लिए जारी किया जाता है और इसे अधिकतम छह साल तक बढ़ाया जा सकता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में इसे और अधिक समय के लिए भी बढ़ाया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति ने ग्रीन कार्ड (स्थायी निवास) के लिए आवेदन किया है, तो उनकी एच-1 बी स्थिति को और अधिक समय के लिए बढ़ाया जा सकता है।

एच-1 बी साप्ताहिक कार्य समय

एच-1 बी धारक को पूर्णकालिक काम करने की अनुमति मिलती है, अर्थात 40 घंटे प्रति सप्ताह। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में अंशकालिक काम भी संभव है।

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