सिलिकोसिस पीड़ित व्यक्तियों और उनके परिवार के प्रति मानवीय दृष्टिकोण रखें: मुख्य सचिव

न्यूमोकोनियोसिस (सिलिकोसिस) निधि के सर्जन एवं संचालन के संबंध में बैठक

जयपुर। मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों और उनके परिवार के प्रति मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए उनको दी जाने वाली सरकारी सहायता राशि का तुरन्त भुगतान करने के निर्देश दिये हैं। आर्य बुधवार को शासन सचिवालय स्थित अपने कक्ष में निदेशालय विशेष योग्यजन विभाग द्वारा न्यूमोकोनियोसिस (सिलिकोसिस) नीति के तहत न्यूमोकोनियोसिस निधि के सर्जन एवं संचालन के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों और उनके आश्रित परिवारों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं।

उन्होेंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चिकित्सा विभाग में सिलिकोसिस प्रमाणीकरण से लम्बित 19308 मामलों का जल्द से जन्द निस्तारण हो ताकि सिलिकोसिस प्रभावित व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें शीघ्र सहायता राशि दी जा सके। उन्होेंने कुल पंजीकृत 109107 मामलों में 71720 व्यक्तियों के आवेदन अस्वीकृत होने पर अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन पंजीकृत सिलिकोसिस पीड़ितों के आवेदन निरस्त किये गए हैं, उनका भी एक बार पुनः परीक्षण करवाया जाये। मुख्य सचिव ने सिलिकोसिस बीमारी के पीड़ितों को श्रम एवं खान विभाग द्वारा दी जाने वाली भुगतान राशि पर चर्चा करते हुए सम्बंधित विभागों को जल्द से जल्द भुगतान राशि जारी करने के निर्देश दिए।

बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री ए राठौड़ ने राजस्थान सिलिकोसिस नीति, 2019 की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सिलिकोसिस प्रभावित पीड़ित के प्रमाणीकरण पर ही उसे 3 लाख रूपये की राशि दे दी जाती है। मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार को 2 लाख रूपये की राशि दी जाती है। इसके अतिरिक्त सिलिकोसिस पीड़ित को पेंशन राशि के 1500 रुपये प्रतिमाह दिये जाते हैं। पीड़ित की विधवा को आयु अनुसार 500-1500 रूपये प्रतिमाह तथा पालनहार योजना के तहत 500 से 1000 रुपये प्रतिमाह दिये जा रहे हैं।

आयुक्त एवं शासन सचिव निशक्तजन श्री गजानंद शर्मा ने बताया कि वर्तमान में ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जिला स्तरीय बोर्ड द्वारा सिलिकोसिस प्रभावित पीड़ितों का प्रमाणीकरण एवं भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व के ऑफलाइन प्रमाणीकरण एवं भुगतान संबंधी समस्त डाटा को भी सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की पोर्टल पर उपलब्ध करवाये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। बैठक में खान एवं पैट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अजिताभ शर्मा एवं श्रम एवं रोजगार सचिव श्री नीरज के पवन ने भी वेबिनार के माध्यम से भाग लिया।