
हिंदू धर्म में वट सावित्री का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, जो इस बार 6 जून, गुरुवार को रखा जाएगा। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। मान्यता है कि इस दिन पूरी विधि से पूजा करने से पति की लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन बरगद के पेड़ की परिक्रमा कर पूजा की जाती है। बिना इसके व्रत अधूरा माना जाता है। महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं।
वट सावित्री व्रत में भोग में चढ़ाने और पारण के लिए कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं। अगर आप भी रख रही हैं ये व्रत, तो सिंघाड़े के आटे से बनने वाली रेसिपीज को करें इसमें शामिल, जो टेस्टी तो हैं ही, साथ ही व्रत के दौरान या बाद में सिंघाड़े के आटे से बनी डिशेज हर तरह के फायदेमंद भी होती हैं।
व्रत में सिंघाड़े का आटा खाने के फायदे

सिंघाड़े को सुखाकर और फिर इसे पीसकर आटा तैयार किया जाता है। इस आटे को खासतौर से व्रत में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी वजह है कि इस आटे से बनी चीजों को खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है। बार-बार भूख नहीं लगती, साथ ही वजन भी कंट्रोल में रहता है। उससे भी जरूरी कि व्रत के दौरान यह शरीर की एनर्जी को भी बरकरार रखता है। सिंघाड़े का आटा एंटीऑक्सीडेंट्स से भी भरपूर होता है, जो कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचाव में मदद करता है।
ध्यान दें
सिंघाड़े का आटे वैसे तो फायदेमंद है, लेकिन बहुत ज्यादा मात्रा में इसे खाने के नुकसान भी हो सकते हैं।
सिंघाड़े का शीरा
सिंघाड़े का शीरा बनाने के लिए कढ़ाई में 3 से 4 चम्मच घी गर्म करें।
इसके बाद इसमें 1 कप के बराबर सिंघाड़े का आटा डालकर सुनहरा होने तक भून लें।
फिर इसमें 1 कप गर्म दूध धीरे-धीरे डालें जिससे शीरे में कोई गांठ न बनें।
अब बारी है इसमें चीनी मिलाने की। घी के पूरी तरह से पिघलने तक शीरे को लगातार चलाते रहें।
जब शीरे में से घी अलग हो जाए, तो इसमें कटे हुए ड्राई फ्रूट्स मिक्स कर दें।
तैयार है सिंघाड़े का शीरा।
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