युवाओं में बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले, जीवनशैली में करने होंगे ये जरूरी बदलाव

हार्ट अटैक
हार्ट अटैक

गतिहीन जीवनशैली और गलत खानपान युवाओं में हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण हैं। विशेषज्ञों की मानें तो बीते तीन सालों में 40 प्रतिशत हृदय रोगियों की संख्या बढ़ी है। युवाओं में भी हार्ट अटैक के 25 प्रतिशत मामले बढ़े हैं। मेदांता के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक डॉ. नरेश त्रेहन बताते हैं कि हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यह चिंताजनक बात है। हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों को लेकर लोगों को जागरूक करना आवश्यक है, जिन लोगों का हार्ट अटैक का पारिवारिक इतिहास रहा है, उनमें हृदय की बीमारियों की संभावना दोगुना बढ़ जाती है। सबसे जरूरी है कि मनुष्य अपने अंदर के जीन्स को पहचाने।

लोगों को अपने शरीर की जांच करानी चाहिए

शरीर की जांच
शरीर की जांच

उन्होंने बताया कि जिनका पारिवारिक इतिहास रहा है, उन्हें 25 साल की उम्र में और अन्य लोगों को 30 साल की उम्र तक अपने पूरे शरीर की जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आधुनिक टेक्नालॉजी और विज्ञान से आज के समय में मनुष्य की हेल्थ जन्मपत्री निकाल सकते हैं। इससे यह राहत होगी कि अगर कोई बड़ी बीमारी होगी तो इसका समय पर उपचार किया जा सकता है।

गतिहीन जीवनशैली भी मुख्य कारण

गतिहीन जीवनशैली
गतिहीन जीवनशैली

मेडिसिटी में क्लीनिकल और प्रिवेंटिव कॉर्डियोलाजी डॉ. रवि कासलीवाल ने बताया कि गतिहीन जीवनशैली और गलत खानपान भी हृदय रोग के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। दफ्तरों के काम को लेकर हद से अधिक स्ट्रेस, अपने डेली रूटीन का ख्याल ना रखना, बहुत कम सोना और जरूरत से ज्यादा शराब और सिगरेट पीने जैसी आदतें आपके दिल को बीमार बनाती जा रही हैं। एक्सरसाइज की कमी के कारण मांसपेशियों के कम संकुचन से ब्लड सर्कुलेशन भी कम हो जाता है। इससे हृदय वाहिकाओं में रक्त का संचार कम होता है जो कि हार्ट अटैक का कारण बनता है।

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