एक बार फिर झारखंड के मुख्यमंत्री बनेंगे हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन

बैठक में हेमंत सोरेन को गठबंधन का नेता चुना गया

रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन पांच महीने बाद एक बार फिर झारखंड के मुख्यमंत्री बनेंगे। मुख्यमंत्री आवास में बुधवार को मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन, सत्ता पक्ष के विधायकों और कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर की उपस्थिति में हुई बैठक में हेमंत को गठबंधन का नेता चुना गया। साथ ही यह भी तय हुआ कि राजभवन जाकर इसकी सूचना आज ही दी जाएगी। हालांकि, राज्यपाल सीपी राधाकृष्ण अभी राज्य से बाहर पुडुचेरी में हैं लेकिन वह आज देर शाम रांची आ जाएंगे।

आज ही अपना इस्तीफा सौंपेंगे चंपाई सोरेन

झारखंड मुक्ति मोर्चा के सभी विधायकों को रांची में ही रहने को कहा गया है। माना जा रहा है कि राज्यपाल के आते ही मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन अपना इस्तीफा उन्हें सौंपेंगे और हेमंत को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी।

जमीन घोटाला मामले में जेल गए थे हेमंत सोरेन

सोरेन ने 31 जनवरी को जमीन घोटाला मामले में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस केस में उन्हें ईडी की पड़ताल के बाद जेल जाना पड़ा था। इससे बाद दो फरवरी को झामुमो के वरिष्ठ नेता और मंत्री चम्पाई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हाल ही में हाई कोर्ट ने हेमंत को जमानत दे दी है। तब से माना जाने लगा कि वे फिर से सत्ता की बागडोर संभालेंगे।

झामुमो में शिबू सोरेन परिवार से बाहर का आदिवासी केवल काम चलाऊ: बाबूलाल

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झामुमो-कांग्रेस-राजद विधायक दल की बैठक में बुधवार को हेमंत सोरेन को फिर नेता चुने जाने पर बड़ा निशाना साधा। मरांडी ने कहा कि झामुमो में शिबू सोरेन परिवार से बाहर का आदिवासी केवल काम चलाऊ है। शिबू सोरेन परिवार जब जैसा चाहे उसका उपयोग करेगा और फिर उसे दूध की मक्खी की तरह निकाल फेंकेगा। मरांडी ने कहा कि पांच महीना पहले परिवारवाद से ऊपर उठकर मुख्यमंत्री चुनने की बात करने वाले झामुमो का आज फिर असली चेहरा उजागर हो गया। उन्होंने कहा कि यह झामुमो के अन्य आदिवासी नेताओं के लिए यह सबक है। उन्हें अपनी सीमा रेखा समझ लेनी चाहिए। उन्हें समझ लेना चाहिए कि वे केवल शिबू सोरेन परिवार की पालकी ढोने के लिए हैं। ऊंची उड़ान भरना उनके नसीब में नहीं।

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