हेमंत सोरेन का पहली ही बैठक में बड़ा फैसला, पत्थलगड़ी से जुड़े सभी केस होंगे खत्म

रांची। झारखंड में कुछ सालों पहले पत्थलगड़ी आंदोलन सुर्खियों में रहा था। इस आंदोलन का केंद्र खूंटी था। गांवों में स्वराज के लिए शुरू हुए पत्थलगड़ी आंदोलन के दौरान कई गांवों में समानांतर सरकार चलाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। आंदोलनकारियों ने खुद की करैंसी, बैंक और सेना के गठन करना का ऐलान कर दिया था।

 

झारखंड की सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इससे जुड़े सभी केस खत्म करने का ऐलान किया है। इसके अलावा उन्होंने अपनी पहली बैकिनेट में सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संसोधन के विरोध को लेकर दर्ज मुकदमे भी वापस लेने का फैसला किया है। अलगाववाद के पहलुओं को जोड़ते हुए तत्कालीन रघुवर सरकार के दौरान पत्थलगड़ी विवाद से जुड़े 19 मामलों में राजद्रोह की धाराओं के तहत खूंटी में केस दर्ज हुए थे।

 

वर्तमान हेमंत सरकार के इस फैसले से आंदोलन से जुड़े कुल 172 नामजद आरोपियों को सीधी राहत मिलेगी। ज्ञात हो कि खूंटी में 19 राजद्रोह केस मं 96 आरोपियों के खिलाफ राज्य सरकार के गृह विभाग ने मुकदमा चलाने की अनुमति दे रखी है। 96 में से 48 के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी दायर की जा चुकी है।