
जयपुर। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग निदेशालय, मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर ने कैंपस फ्रांस के सहयोग से मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर परिसर में एक मेगा अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा मेले की मेजबानी की। फ्रांस के 15 शीर्ष संस्थानों के प्रतिनिधियों ने छात्रों को अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक अवसरों की विविध श्रृंखला के बारे में जानकारी दी। यह आयोजन फ्रांसीसी संस्थानों और मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर के बीच सहयोगात्मक अनुसंधान कार्यक्रमों, संकाय आदान-प्रदान और छात्र गतिशीलता कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की दिशा में पहला कदम है।

इस कार्यक्रम में भारत में फ्रांस के दूतावास के अकादमिक और वैज्ञानिक सहयोग के अटैची, कमांडर डॉ. फैबियन चारिक्स मुख्य अतिथि थे । कमोडोर (डॉ.) जवाहर मल जांगिड़, प्रो-प्रेसिडेंट, मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर, प्रोफेसर संतोष पाटिल, निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग निदेशालय, कैंपस फ्रांस के प्रतिनिधि सुश्री शुभ्रा शर्मा, सुश्री शगुन हांडा, सुश्री मिशिका गोयल, विभिन्न फ्रांसीसी संस्थांओं के प्रतिनिधि और अलायंस फ्रैंकेइस डी जयपुर से सुश्री सुरभि जैन भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग निदेशालय के सहायक निदेशक डॉ. अरुण कुमार पूनिया ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।

इस अवसर पर कमोडोर (डॉ.) जवाहर मल जांगिड़ ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे फ्रांस उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने छात्रों को शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ अधिक बातचीत करने और उनके द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति और कार्यक्रमों के बारे में अधिक जानने के लिए प्रेरित किया।

प्रो. फैबियन ने फ्रांस द्वारा अपनाए गए शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण में बदलाव की ओर इशारा किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये सभी कार्यक्रम अंग्रेजी में उपलब्ध हैं, और इसलिए फ्रेंच भाषा की कमी छात्रों के लिए कोई समस्या नहीं हो सकती है। उन्होंने इस बात की वकालत की कि विश्व रैंकिंग में शीर्ष प्रबंधन शिक्षा या बी-स्कूलों में से अधिकांश फ्रांस से हैं, और फ्रांस प्रबंधन शिक्षा के साथ-साथ मानविकी, डिजाइनिंग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जबरदस्त अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
प्रोफेसर संतोष पाटिल ने एमयूजे में ऐसे आयोजनों के महत्व और एमयूजे में गुणवत्तापूर्ण अंतर्राष्ट्रीयकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में डॉ. मोहित जैन, डॉ. मनमोहन शर्मा, डॉ. शुभा दुबे, डॉ. साक्षी श्रृंगी, डॉ. स्नेहा ठाकुर, सुश्री सुनीता सैनी और एमयूजे के अन्य संकाय सदस्य उपस्थित थे। अंतर्राष्ट्रीय छात्र प्रकोष्ठ के लगभग 30 छात्र स्वयंसेवकों ने आयोजन की सफलता में योगदान दिया।