मेंटल हेल्थ के लिए भी है शानदार फेस्टिवल है होली

मेंटल हेल्थ
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होली रंगों और खुशियों का त्योहार है। लोग सारे गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे को रंग-अबीर लगाते हैं और त्योहार का जश्न मनाते हैं, वहीं कुछ लोग होली खेलने के बजाय घर में बैठना पसंद करते हैं, तो ऐसे लोगों के लिए ये जानना जरूरी है कि रंगों का हमारे मेंटल हेल्थ से बहुत बड़ा कनेक्शन है? लाल, नीले, पीले, हरे, गुलाबी और भी ऐसे तमाम कलर्स हमें खुश और पॉजिटिव रखने का काम करते हैं। रंगों का साथ मिलने से स्ट्रेस दूर होता है, जो आज कई बीमारियों की वजह बन रहा है। रंग खासतौर से माहौल को खुशनुमा बनाते हैं और उत्सव के रौनक को बढ़ाने का काम करते हैं। रंग हमारे विचारों से लेकर कार्यों और इमोशन्स तक को प्रभावित करने में मदद करते हैं। मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में आजकल एक्सपट्र्स खासतौर से कलर थेरेपी की मदद ले रहे हैं। इससे आप समझ सकते हैं रंगों का महत्व।

रंग का मानसिक सेहत पर पडऩे वाला असर

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1. याद्दाश्त में होता है सुधार
कई सारी रिसर्च के मुताबिक, रंग हमारी याददाश्त और फोकस करने की क्षमता को बढ़ाते हैं।

2. हैप्पी हार्मोन्स होते हैं रिलीज
रंग के बीच रहने से शरीर में हैप्पी हॉर्मोन्स रिलीज होते हैं, जो आपको खुश और रिलैक्स करने का काम करते हैं। माइंड रिलैक्स होने से प्रोडक्टिविटी बढ़ती है। इससे फिजिकली हेल्थ भी सुधरती है। प्रसन्नचित्त रहकर आप कई बीमारियों के खतरे को दूर कर सकते हैं।

स्ट्रेस होता है दूर

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जैसा कि ऊपर बताया कि रंग दिमाग को रिलैक्स करते हैं, तो इससे तनाव, डिप्रेशन जैसी समस्याएं दूर रहती हैं। स्ट्रेस, मोटापा, डायबिटीज़ जैसी ही खतरनाक बीमारियों की लिस्ट में शामिल हो चुका है, जिसका लंबे समय तक बना रहना किसी भी तरह से ठीक नहीं। होली के त्योहार में रंगों और अपनों का साथ अकेलेपन, एंग्जाइटी जैसी प्रॉबलम्स भी दूर करता है, तो इन सभी फायदों को देखते हुए इस बार मिस न करें होली खेलने का मौका।

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