फैसले की घड़ी: कौनसी सीट छोड़ेंगे राहुल गांधी

राहुल गांधी
राहुल गांधी

वायनाड या रायबरेली, राहुल गांधी को एक सीट चुननी होगी

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश की रायबरेली और केरल की वायनाड, दो लोकसभा सीट से चुनाव जीते हैं। नियमों के अनुसार, दो सीटों से चुनाव जीते उम्मीदवार को एक सीट छोड़ने के बारे में चुनाव परिणाम आने के 14 दिनों में फैसला करना होता है। 4 जून को नतीजे आए थे ऐसे में राहुल गांधी को 18 जून तक रायबरेली या वायनाड में से किसी एक सीट की सदस्यता से अपना इस्तीफा लोकसभा स्पीकर को देना होगा।

राहुल गांधी को मंगलवार तक यह तय करना होगा कि वे कौन सी सीट रखेंगे और कौन सी छोड़ेंगे। राहुल गांधी ने अभी किसी सीट की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है लेकिन कांग्रेस से जुड़े नेता ये दावे कर रहे हैं कि वह रायबरेली सीट रखेंगे।

वायनाड में बोले राहुल गांधी : दुविधा में हूं कि क्या चुनूं?

यूपी कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय ने हाल ही में दावा किया था कि राहुल रायबरेली नहीं छोड़ेंगे. राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में जीत के बाद जब पहली बार वायनाड पहुंचे, उन्होंने दो में से एक सीट चुनने को लेकर कहा था कि दुविधा में हूं कि क्या चुनूं? राहुल ने ये जरूर कहा था कि मेरे फैसले से रायबरेली और वायनाड, दोनों क्षेत्र के कार्यकर्ता खुश होंगे।

क्या कहते हैं नियम?

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 68 (1) के मुताबिक दो सीटों से चुनाव जीतने की स्थिति में संबंधित नेता को चुनाव नतीजों के ऐलान के बाद 14 दिन के भीतर एक सीट छोड़नी होती है।

इस्तीफा नहीं दिया तो दोनों सीटों से निर्वाचन रद्द

अब सवाल यह भी है कि दो सीट से निर्वाचित किसी सदस्य ने अगर एक सीट की सदस्यता से 14 दिन की तय सीमा के भीतर इस्तीफा नहीं दिया तो क्या होगा? नियमानुसार अगर किसी सदस्य ने 14 दिन के भीतर एक सीट से सदस्यता नहीं छोड़ी तो दोनों सीटों से उसका निर्वाचन रद्द हो जाएगा और दोनों ही सीटें रिक्त मानी जाएंगी।

यह भी पढ़ें:नीट के मूल प्रश्नपत्र उपलब्ध नहीं करा रहा एनटीए