पोषण की कमी होगी तो शरीर करेगा ये इशारे, अनदेखी पड़ सकती है भारी

पोषण
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विटामिन और मिनरल्स हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्व हैं। ये शरीर के अलग-अलग फंक्शन्स को सुचारू रूप से चलाने, इम्यून पावर बढ़ाने और एनर्जी देने में अहम भूमिका निभाते हैं। जब शरीर में इनकी कमी होती है, तो कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। ये लक्षण शरीर के संकेत होते हैं कि हमारी डाइट में कुछ पोषक तत्वों की कमी है। आइए, विटामिन और मिनरल की कमी से होने वाले 8 अहम लक्षणों के बारे में जानते हैं। पोषण की कमी होगी तो शरीर करेगा ये इशारे, अनदेखी पड़ सकती है भारी

थकान और कमजोरी

थकान
थकान

थकान और कमजोरी विटामिन और मिनरल की कमी का सबसे आम लक्षण है। खासकर विटामिन-बी12, आयरन और विटामिन-डी की कमी से शरीर में एनर्जी का स्तर कम हो जाता है। आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो कम हो जाता है और थकान महसूस होती है। विटामिन-बी12 की कमी से भी एनर्जी का लेवल गिरता है और व्यक्ति को लगातार थकान महसूस होती है।

त्वचा संबंधी समस्याएं

स्किन पर ड्राइनेस, खुजली, मुंहासे या रैशेज जैसी समस्याएं विटामिन और मिनरल की कमी के कारण हो सकती हैं। विटामिन-ए, विटामिन-ई और जिंक की कमी से त्वचा की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। विटामिन-ए की कमी से त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है, जबकि जिंक की कमी से मुंहासे और स्किन इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।

बालों का झडऩा

बालों का झडऩा भी विटामिन और मिनरल की कमी का एक सामान्य लक्षण है। विटामिन-डी, बायोटिन, आयरन और जिंक की कमी से बालों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। आयरन की कमी से बालों के पोर्स कमजोर हो जाते हैं, जिससे बाल झडऩे लगते हैं। इसके अलावा, बायोटिन की कमी से भी बालों का झडऩा बढ़ सकता है।

नाखूनों का कमजोर होना

नाखूनों का टूटना, पतला होना या उन पर सफेद धब्बे दिखना विटामिन और मिनरल की कमी का संकेत हो सकता है। खासकर से कैल्शियम, आयरन और जिंक की कमी से नाखून कमजोर हो जाते हैं। आयरन की कमी से नाखूनों का आकार चम्मच की तरह हो सकता है, जिसे “स्पून नेल्स” कहा जाता है।

मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन

मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन या कमजोरी महसूस होना विटामिन-डी, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम की कमी के कारण हो सकता है। विटामिन-डी की कमी से हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द होता है, जबकि मैग्नीशियम की कमी से मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द की समस्या हो सकती है।

मानसिक स्वास्थ्य पर असर

विटामिन और मिनरल की कमी का असर केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स, खासकर से विटामिन-बी6 और बी12 की कमी से चिंता, डिप्रेशन और मूड स्विंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, मैग्नीशियम की कमी से भी स्ट्रेस और एंग्जायटी बढ़ सकती है।

भूख में कमी या अत्यधिक भूख लगना

पोषण की कमी से भूख पर भी प्रभाव पड़ता है। कुछ मामलों में, जिंक या विटामिन-बी की कमी से भूख कम हो जाती है, जबकि कुछ अन्य पोषक तत्वों की कमी से ज्यादा भूख लग सकती है। उदाहरण के लिए, मैग्नीशियम की कमी से शरीर में चीनी की तलब बढ़ सकती है, जिससे व्यक्ति को बार-बार भूख लगती है।

हड्डियों का कमजोर होना

कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। हड्डियों का दर्द, फ्रैक्चर का खतरा और जोड़ों में अकडऩ पोषण की कमी के संकेत हो सकते हैं। विटामिन-डी की कमी से शरीर कैल्शियम को अब्जॉर्ब नहीं कर पाता, जिससे हड्डियों की डेंसिटी कम हो जाता है।

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