
सोशल मीडिया पर इन दिनों अदीस मिलर नाम का एक व्यक्ति चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, इस व्यक्ति का कहना है कि उसने वाटर फास्टिंग की मदद से 13 किलो वजन कम किया है। अदीस ने अपना अनुभव शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर बताया कि इस साल की शुरुआत में, मैंने कोस्टा रिका में 21 दिन का वॉटर फास्ट शुरू किया और इस दौरान 13.1 किलोग्राम (28 पाउंड) वजन कम किया। अदीस के इस दावे से बाद से ही वॉटर फास्टिंग लगातार चर्चाओं में बना हुआ है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में जानेंगे क्या है वॉटर फास्टिंग
क्या है वॉटर फास्टिंग?

वॉटर फास्टिंग एक ऐसी प्रैक्टिस है, जहां एक व्यक्ति एक निश्चित समय के लिए, आमतौर पर 24 घंटे से लेकर कई दिनों तक सिर्फ पानी पीता है। इस दौरान पानी के अलावा किसी भी अन्य भोजन या ड्रिंक का सेवन नहीं किया जाता। इस तरह की फास्टिंग के दौरान शरीर एनर्जी के लिए बॉडी में स्टोर रिजर्व पर निर्भर करता है, जिसमें लिवर और मांसपेशियों के टिश्यूज में स्टोर ग्लाइकोजन शामिल है।
वॉटर फास्टिंग के फायदे

वॉटर फास्टिंग की यह प्रोसेस कीटोसिस की तरफ ले जाती है, जिसमें शरीर एनर्जी प्रोडक्शन के लिए फैट तोडऩे लगता है। ऐसा माना जाता है कि वॉटर फास्ट करने से शरीर को कई सारे फायदे मिलते हैं, जिसमें डिटॉक्सिफिकेशन, वेट लॉस आदि शामिल हैं।
वॉटर फास्टिंग के नुकसान
भले ही यह फास्टिंग शरीर को कई फायदे पहुंचाती है, लेकिन इससे कई सारे नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए इसे सावधानी के साथ और एक्सपर्ट की देखरेख में ही किया जाना चाहिए। आइए जानते हैं इसके कुछ संभावित नुकसान
वॉटर फास्टिंग करने की वजह से विटामिन, मिनरल और इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे एनीमिया, कमजोर इम्युनिटी और हड्डियों के घनत्व में कमी जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
इस फास्टिंग की वजह से ग्लाइकोजन स्टोरेज खत्म हो जाने पर शरीर एनर्जी के लिए मांसपेशियों के टिश्यूज को तोडऩा शुरू कर देता है। इससे मेटाबॉलिज्म धीमा होता है और पूरे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
पानी पीने के बावजूद, कई बार खाना न खाने की वजह से भी डिहाइड्रेशन हो सकता है। खाना पानी पीने की इच्छा को बढ़ाता है, जिससे शरीर हाइड्रेट रहता है और इसके बिना डिहाइड्रेशन हो जाता है। यह सिरदर्द, थकान और खराब किडनी फंक्शन का कारण बन सकता है।
लंबे समय तक वॉटर फास्टिंग के बाद जब आप दोबारा खाना खाना शुरू करते हैं, तो इससे पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है और इससे मतली, सूजन, कब्ज और पाचन संबंधी परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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