
रोटी भारतीय थाली का एक अहम हिस्सा है, जिसके बिना कई लोगों का खाना लगभग नामुमकिन होता है। यूं तो रोटी बनाने के लिए कई तरह के आटे का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन आमतौर पर गेंहू के आटे की रोटी सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाती है। यह कई भारतीय घरों में मुख्य भोजन मानी जाती है। यह पारंपरिक फ्लैटब्रेड न सिर्फ भोजन का एक स्वादिष्ट हिस्सा है, बल्कि इससे सेहत को कई फायदे भी मिलते हैं। आइए आपको बताते हैं गेंहू की रोटी के फायदे। गेहूं की रोटी
दिल का रखें ख्याल

साबुत गेहूं की रोटियों में एंटीऑक्सीडेंट, खासतौर से सेलेनियम भरपूर मात्रा में होता है, जो इंफ्लेमेशन को कम करके दिल की सुरक्षा करने में मदद करती हैं। फाइबर कंटेंट कोलेस्ट्रॉल के स्तर को मैनेदज करने और हार्ट हेल्थ के जोखिम को कम करने में भी अहम भूमिका निभाता है।
प्रोटीन का अच्छा स्रोत

गेहूं की रोटियां प्रोटीन का भी अच्छा सोर्स मानी जाती है, जिसकी वजह से इन्हें डाइट में शामिल करने से मांसपेशियों के निर्माण, रिपेयरिंग और शरीर के सभी कामकाज में मदद मिलती है। रोटी को दाल या सब्जियों के साथ खाने से प्रोटीन की मात्रा बढ़ सकती है और एक संतुलित भोजन बन सकता है।
कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट से भरपूर
गेहूं की रोटी कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट का एक बड़ा स्रोत होती है, जो शरीर को लगातार एनर्जी देती है। रिफाइंड काब्र्स के विपरीत, गेहूं में मौजूद कॉम्प्लेक्स काब्र्स धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है, जिससे आपको भूख कम लगती है।
लो फैट
गेहूं की रोटी में स्वाभाविक रूप से फैट की मात्रा कम होती है, खासकर जब इसे बिना घी या तेल के बनाया जाता है। ऐसे में यह उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है, जो पेट भर खाना खाते हुए अपने फैट इनटेक को कंट्रोल या कम करना चाहते हैं।
जरूरी विटामिन और मिनरल्स से भरपूर
गेहूं की रोटियों में जरूरी विटामिन और मिनरल होते हैं, जिनमें बी विटामिन (जैसे नियासिन और फोलिक एसिड), आयरन, मैग्नीशियम और जिंक शामिल हैं। ये पोषक तत्व एनर्जी प्रोडक्शन में मदद करते हैं, मेटाबॉलिज्म में सुधार करते हैं और पूरे स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
वजन मैनेजमेंट में मददगार
गेहूं की रोटी में फाइबर ज्यादा और कैलोरी कम पाई जाती है, इसलिए इसे खाने से वेट मैनेज करने में मदद मिलती है। गेहूं की रोटी भूख कंट्रोल करती है, जिससे आप ओवरईटिंग करने से बचे रहते हैं।