ये थेरेपी करेंगे तो बने रहेंगे मेंटली और फिजिकली हेल्दी

मेंटली और फिजिकली हेल्दी
मेंटली और फिजिकली हेल्दी

नई दिल्ली। ऑफिस से लौटने के बाद कई बार इतनी ज्यादा थकावट फील होती है कि कुछ दूसरा काम करने का ही दिल नहीं करता। रोजाना यही रूटीन चलते रहने से कई जरूरी काम धरे के धरे रह जाते हैं। कई बार तो इस थकावट से खुद को ही उलझन होने लगती है। बेशक शरीर के लिए आराम जरूरी है लेकिन हर वक्त आलस से घिरे होने पर कोई दूसरा काम करने का मन नहीं करता, जिससे शरीर आगे चलकर कई बीमारियों का शिकार हो सकता है। अगर आप खुद को बीमारियों और तनाव से दूर रखना चाहते हैं, तो इसके लिए यहां दी गई थेरेपीज़ को कर सकते हैं ट्राई जिसके लिए नहीं किसी डॉक्टर की जरूरत।

म्यूजिक़ थैरेपी

म्यूजिक़ थैरेपी
म्यूजिक़ थैरेपी

थकान दूर करने और माइंड को रिलैक्स करने में म्यूजिक थेरेपी है बेहद फायदेमंद। इससे तन और मन दोनों हैप्पी रहते हैं। म्यूजिक थैरेपी से फोकस करने की क्षमता बढ़ती है जिससे आप हर एक टास्क को आसानी से कम समय में पूरा कर सकते हैं।

ब्रीदिंग थेरेपी

बॉडी को रिलैक्स करने का सबसे कारगर तरीका है ब्रीदिंग। इससे आप मिनटों में थकान, तनाव दूर कर सकते हैं। इसे आप घर, ऑफिस कहीं भी कर सकते हैं। ब्रीदिंग थेरेपी से माइंड तो रिलैक्स होगा ही साथ ही इम्यून सिस्टम भी मज़बूत होता है।

आर्ट थेरेपी

आर्ट थेरेपी
आर्ट थेरेपी

दिनभर की थकान मिटाने के साथ मूड को लाइट करने के लिए आर्ट थेरेपी का ले सकते हैं सहारा। एक्सपर्ट बताते हैं कि स्केचिंग और पेंटिंग से कई तरह के इमोशंस बाहर निकलते हैं। इसके अलावा पॉजिविटी बढ़ती है। आर्ट थेरेपी से सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ता है, जिससे आप दूसरों के मुकाबले चीज़ों को बेहतर तरीके से समझ और व्यक्त कर पाते हैं।

रीडिंग थेरेपी

मांइड को रिलैक्स रखने के लिए थोड़ा वक्त निकालकर किताबें पढ़ें। इससे न सिर्फ नॉलेज बढ़ती है बल्कि आपका कॉन्फिडेंस भी बढ़ता है और सबसे जरूरी थकान दूर होती है। जब कभी आपको उलझन महसूस हो रही है, समझ नहीं आ रहा है थकान दूर करने के लिए, तो किताब पढऩा शुरू कर दें। देखिए कैसे आप रिलैक्स हो जाएंगे।

टॉकिंग थेरेपी

दोस्तों, फैमिली से बात करना भी थकान मिटाने और माइंड को रिलैक्स करने में बेहद असरदार थेरेपी है। व्यस्त दिनचर्या में हो सके आपके फ्रेंड्स भी बिजी हो, तो इसके लिए घूमने निकल जाएं, कोई सोशल ग्रूप ज्वॉइन कर लें। ऐसे ही तो मित्र बनते हैं। दोस्तों का साथ या उनसे बातचीत कई तरह के ट्रामा से बाहर निकलने में मदद कर सकता है।

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