
यूरिक एसिड बढऩे की समस्या आजकल आम होती जा रही है। शरीर में यूरिक एसिड का लेवल बढऩे से गाउट, जोड़ों में दर्द, सूजन और किडनी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, शरीर में कुछ मात्रा में यूरिक एसिड होता ही है, लेकिन इसका बढऩा खतरनाक हो सकता है। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए डाइट का खास ध्यान रखना जरूरी है। कुछ बीज ऐसे हैं, जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं इन 5 बीजों के बारे में।
यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए सीड्स
कद्दू के बीज
कद्दू के बीज मैग्नीशियम, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं। ये बीज यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में सहायक हैं।
फायदे-
मैग्नीशियम यूरिक एसिड के क्रिस्टलाइजेशन को रोकता है।
इनमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड सूजन को कम करता है।
फाइबर की मात्रा शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करती है।
कैसे खाएं?
भुने हुए कद्दू के बीज स्नैक्स के रूप में खा सकते हैं या सलाद और स्मूदी में मिला सकते हैं।
फ्लैक्स सीड्स
फ्लैक्स सीड्स या अलसी के बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड और लिग्नन्स से भरपूर होते हैं, जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
फायदे-
ओमेगा-3 सूजन और दर्द को कम करता है।
फाइबर यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकालने में मददगार है।
एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को डिटॉक्स करते हैं।
कैसे खाएं?
इन्हें पीसकर दही, सलाद या स्मूदी में मिलाकर खा सकते हैं।
सूरजमुखी के बीज
सूरजमुखी के बीज विटामिन-ई, सेलेनियम और हेल्दी फैट्स का अच्छा सोर्स हैं। ये शरीर में यूरिक एसिड के प्रोडक्शन को रेगुलेट करते हैं और किडनी को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करते हैं।
कैसे खाएं?
इन्हें भूनकर नाश्ते में शामिल करें।
दही या स्मूदी में मिलाकर खाएं।
चिया सीड्स
चिया सीड्स प्रोटीन, फाइबर और ओमेगा-3 का अच्छा सोर्स हैं, जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
फायदे-
फाइबर यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकालता है।
कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट्स किडनी की काम करने की क्षमता को बेहतर करते हैं।
कैसे खाएं?
चिया सीड्स को पानी में भिगोकर जेल बना लें और स्मूदी, दही या ओटमील में मिलाकर खाएं।
तिल के बीज
तिल के बीज कैल्शियम, मैग्नीशियम और फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होते हैं, जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
फायदे-
कॉपर यूरिक एसिड के मेटाबॉलिज्म को सुधारता है।
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों के दर्द को कम करते हैं।
फाइबर पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है।
कैसे खाएं?
तिल के बीजों को भूनकर लड्डू बना सकते हैं या सलाद और सब्जियों पर छिडक़कर खा सकते हैं।
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