
कई बार लोग हार्ट अटैक के लक्षणों को गैस या एसिडिटी का दर्द समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे इलाज में देर हो जाती है और जानलेवा स्थिति पैदा हो सकती है। हालांकि, हार्ट अटैक और सीने में हो रहे गैस के दर्द में कुछ समानताएं होती हैं, जिस वजह से लोग इनमें कन्फ्यूज हो जाते हैं, लेकिन कुछ बुनियादी अंतर भी होते हैं, जिन्हें पहचानकर समय रहते इलाज किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि इन दोनों कंडिशन्स में अंतर कैसे करें।
दर्द कहां हो रहा है और कैसा दर्द है?
हार्ट अटैक का दर्द
हार्ट अटैक में दर्द आमतौर पर छाती के बीच में या बाईं तरफ होता है।
यह दर्द जबड़े, बाएं कंधे, पीठ या बाजू तक फैल सकता है।
दर्द में जलन, दबाव या भारीपन महसूस होता है, जैसे कोई भारी चीज छाती पर रखी हो।
यह दर्द आराम करने पर भी कम नहीं होता और लगातार बना रहता है।
गैस का दर्द-
गैस का दर्द पेट के ऊपरी हिस्से या छाती के निचले भाग में होता है।
यह दर्द अक्सर ऐंठन या मरोड़ के रूप में होता है और बदलता रहता है।
खट्टी डकारें, पेट फूलना या गैस पास होने पर आराम मिलता है।
अन्य लक्षणों पर ध्यान दें
हार्ट अटैक के साथ दिखने वाले लक्षण-
सांस लेने में तकलीफ
पसीना आना (खासकर ठंडा पसीना)
चक्कर आना या बेहोशी जैसा महसूस होना
मितली या उल्टी होना
अचानक कमजोरी या घबराहट
गैस की समस्या के साथ दिखने वाले लक्षण-
पेट में भारीपन
खाने के बाद ज्यादा परेशानी
डकार आना या पेट से आवाजें आना
दर्द का अस्थायी होना और गैस निकलने पर आराम मिलना
दर्द का समय और इंटेंसिटी
हार्ट अटैक का दर्द आमतौर पर 15-20 मिनट से ज्यादा रहता है और धीरे-धीरे बढ़ता है।
गैस का दर्द कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटों तक रह सकता है, लेकिन यह आता-जाता रहता है।
किन वजहों से दर्द बढ़ता या घटता है?
हार्ट अटैक- दर्द फिजिकल एक्टिविटी (जैसे चलना, सीढिय़ां चढऩा) या तनाव से बढ़ सकता है। आराम करने पर भी आराम नहीं मिलता।
गैस का दर्द- खाने के बाद बढ़ सकता है, लेकिन डकार या गैस निकलने पर आराम मिल जाता है।
क्या करें अगर हार्ट अटैक के लक्षण महसूस हो?
अगर आप या कोई व्यक्ति हार्ट अटैक के लक्षणों का अनुभव कर रहा है, तो-
तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें या एम्बुलेंस बुलाएं।
शांत रहें और ज्यादा हिलें-डुलें नहीं।
कपड़े ढीले करें, ताकि सांस लेने में तकलीफ कम हो।
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