
हमारे शरीर का ज्यादातर हिस्सा, लगभग 60-70त्न, पानी से बना है, जो शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है। पाचन से लेकर रक्त संचार और शरीर का तापमान बनाए रखने तक, पानी हर जरूरी शारीरिक क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिसे हम डिहाइड्रेशन भी कहते हैं, तो यह स्थिति हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकती है। डिहाइड्रेशन कई वजहों से हो सकता है, जैसे ज्यादा पसीना आना, बार-बार दस्त लगना या फिर पर्याप्त पानी न पीना। बच्चे और बुज़ुर्गों में डिहाइड्रेशन का खतरा अधिक होता है। अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। डिहाइड्रेशन के कारण थकान, चक्कर आना और कई बार तो इंसान बेहोश भी हो सकता है। इसलिए, यह समझना बेहद जरूरी है कि डिहाइड्रेशन क्या है, इसके क्या लक्षण हैं, और सबसे महत्वपूर्ण है कि इससे बचाव के लिए किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आइए इस लेख में इसी के बारे में जानते हैं। ये लक्षण दिखने लगे तो समझ जाएं शरीर में हो रही है पानी की कमी
डिहाइड्रेशन के लक्षण

डिहाइड्रेशन के शुरुआती लक्षणों में प्यास लगना, मुंह सूखना, थकान और चक्कर आना शामिल हैं। गंभीर डिहाइड्रेशन में पेशाब का रंग गहरा पीला होना, कम पेशाब आना, त्वचा में रूखापन आना, तेज धडक़न और सिरदर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। अगर डिहाइड्रेशन बढ़ जाए, तो यह किडनी की समस्या, बेहोशी या गर्मी से संबंधित बीमारियों जैसे हीटस्ट्रोक का कारण बन सकता है। इसलिए समय रहते इस पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है।
डिहाइड्रेशन के कारण
डिहाइड्रेशन का मुख्य कारण पर्याप्त पानी न पीना है, खासकर गर्मी या मानसून में जब पसीना अधिक निकलता है। दस्त, उल्टी या बुखार के दौरान शरीर से तरल पदार्थ तेजी से निकलता है, जिससे डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ता है। अत्यधिक शराब या कैफीन का सेवन भी मूत्रवर्धक प्रभाव के कारण पानी की कमी हो सकती है। डायबिटीज या किडनी रोग वाले मरीजों में बार-बार पेशाब के कारण डिहाइड्रेशन होने की आशंका अधिक होती है।
बचाव के उपाय
डिहाइड्रेशन से बचने के लिए दिन में 8-10 गिलास पानी पीएं। गर्मी या व्यायाम के दौरान हर 20-30 मिनट में पानी जरूर पिएं। दस्त या उल्टी के दौरान ओआरएस या नमक-चीनी का घोल शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखता है। फल जैसे तरबूज, संतरा और नारियल पानी हाइड्रेशन बनाए रखने में मदद करते हैं। कैफीनयुक्त पेय और शराब से बचें। हल्के, ढीले कपड़े पहनें और गर्मी में बाहर निकलते समय छाता या टोपी का उपयोग करें। डिहाइड्रेशन एक ऐसी स्थिति है, जिसे सही समय पर उपाय करके रोका जा सकता है। लक्षण दिखने पर तुरंत पानी, ओआरएस या इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय लें। अगर गंभीर लक्षण जैसे बेहोशी, तेज बुखार या भ्रम की स्थिति हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नियमित हाइड्रेशन, संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली डिहाइड्रेशन से बचाव में मदद करती है। खासकर मानसून में स्वच्छ पानी का उपयोग करें और अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें।
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