
घी भारतीय किचन में रखी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। जिसके कई स्वास्थ लाभ है, जिसमें मेटाबॉलिज्म को बढ़ाना भी शामिल है। हाई कोलेस्ट्रॉल और फैट के कारण इसे खाने से मना किया जाता है। लेकिन धीरे धीरे लो-कोलेस्ट्रॉल घी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। जब शरीर में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने की बात की जाती है तो लो-कोलेस्ट्रॉल घी को बेहद प्रभावी माना जाता है।
क्या है लो-कोलेस्ट्रॉल घी?

लो-कोलेस्ट्रॉल घी सामान्य घी से थोड़ा अलग होता है, जिसमें फैट की संरचना को इस तरह से बदला जाता है कि इसमें कम कोलेस्ट्रॉल और अधिक हेल्थ फूल फैट होता है। यह घी, आयुर्वेदिक तरीकों से तैयार किया जाता है और इसमें प्राकृतिक तत्व होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। खासतौर पर, इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड्स का अच्छा अनुपात होता है, जो मेटाबॉलिज्म को सुधारने के लिए जरूरी होते हैं।
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पाचन शक्ति को मजबूत करता है
लो-कोलेस्ट्रॉल घी शरीर में पाचन को बेहतर बनाता है। इसमें उपस्थित बटरिक एसिड पेट को स्वस्थ रखता है, जिससे आंतों में बेहतर पाचन क्रिया होती है। अच्छे पाचन से शरीर में ऊर्जा की अधिकता होती है, और मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है।
फैट बर्न में मदद करता है
घी में मौजूद मीडियम-चेन ट्राइग्लिसराइड्स मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते हैं। एमसीटीएस शरीर में जल्दी से अवशोषित होते हैं और ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल होते हैं, जिससे फैट बर्न की प्रक्रिया तेज होती है। यह वजन घटाने में मदद करता है और मेटाबॉलिज्म को भी सक्रिय रखता है।
इंफ्लेमेशन को कम करता है
शरीर में सूजन मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकती है। लो-कोलेस्ट्रॉल घी में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड्स सूजन को कम करते हैं, जिससे मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। यह शरीर को अंदर से स्वस्थ रखता है और सभी शारीरिक प्रक्रियाओं को सही तरीके से काम करने में सहायक होता है।
हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है
घी में मौजूद आवश्यक फैटी एसिड्स शरीर के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। जब हार्मोन सही तरीके से काम करते हैं, तो मेटाबॉलिज्म भी सही तरीके से चलता है। विशेष रूप से, थायरॉइड और इंसुलिन जैसे हार्मोन मेटाबॉलिज्म पर सीधा प्रभाव डालते हैं, और घी इनकी गतिविधियों को संतुलित रखता है।
एनर्जी के लेवल को बढ़ाता है
लो-कोलेस्ट्रॉल घी में कैलोरी की एक अच्छी खुराक होती है, जो शरीर को दीर्घकालिक ऊर्जा प्रदान करती है। यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को सक्रिय रखता है, जिससे थकान की समस्या कम होती है और ऊर्जा स्तर बनाए रहता है। शरीर की ऊर्जा की जरूरत को पूरा करने में घी एक शानदार स्रोत बनता है।
मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए सही तरीका
लो-कोलेस्ट्रॉल घी का सेवन संतुलित मात्रा में करना जरूरी है। अधिक मात्रा में सेवन से यह अतिरिक्त कैलोरी का कारण बन सकता है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही उपयोग करें। आमतौर पर, दिन में 1-2 चम्मच लो-कोलेस्ट्रॉल घी का सेवन मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने और स्वस्थ बनाए रखने के लिए पर्याप्त होता है। इसे सुबह के नाश्ते या भोजन के साथ लिया जा सकता है।
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