आईजीबीसी ग्रीन राजस्थान समिट 2025 : राज्य में टिकाऊ शहरी विकास को मिली नई दिशा

शहरी विकास एवं आवासन विभाग के स्वतंत्र प्रभार मंत्री झाबर सिंह खर्रा
शहरी विकास एवं आवासन विभाग के स्वतंत्र प्रभार मंत्री झाबर सिंह खर्रा
  • जयपुर में हुए इस सम्मेलन में पर्यावरण-संवेदनशील योजनाओं और हरित भवनों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया

जयपुर। जयपुर में भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी ) द्वारा ‘समृद्ध राजस्थान के लिए हरित नवाचार’ थीम पर आयोजित ग्रीन राजस्थान समिट 2025 सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. इस समिट में नीतिनिर्माताओं, उद्योग प्रतिनिधियों, शहरी योजनाकारों और पर्यावरण विशेषज्ञों ने एक मंच पर आकर राजस्थान में हरित और टिकाऊ विकास को आगे बढ़ाने के ठोस रास्तों पर अपने विचार साझा किए। सरकार की प्रतिबद्धता और आह्वान उद्घाटन सत्र की शुरुआत करते हुए राजस्थान सरकार के शहरी विकास एवं आवासन विभाग के स्वतंत्र प्रभार मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा, “राज्य सरकार टिकाऊ शहरी विकास को लेकर प्रतिबद्ध है।

आईजीबीसी द्वारा आयोजित यह समिट हितधारकों को एकजुट कर राज्य के हरित भविष्य को मजबूती दे रहा है। हमें अपने पारंपरिक वास्तुकला ज्ञान की ओर लौटना होगा, जिसमें प्रकृति के अनुरूप स्थानीय और प्राकृतिक सामग्री का उपयोग होता था। जल हमारे लिए सबसे कीमती संसाधन है और इसकी बचत के लिए हरसंभव उपाय अपनाने होंगे।” उन्होंने सभी हितधारकों से ग्रीन बिल्डिंग मूवमेंट से जुड़ने का आग्रह किया।

प्रोत्साहन और नियमन की पहल

विभाग प्रमुख सचिव वैभव गलरिया (आईएएस) ने कहा, “राज्य सरकार ग्रीन बिल्डिंग्स को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं चला रही है। अब नए भवन उपनियमों को भी सतत विकास के अनुरूप बनाया जा रहा है। हमें नवप्रवर्तकों और पेशेवरों से व्यवहारिक, पर्यावरण-अनुकूल समाधानों की आवश्यकता है, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद करें।”

राजस्थान को हरित राज्य के रूप में पुनर्कल्पित करने का आह्वान

आईजीबीसी जयपुर चैप्टर के चेयरमैन एवं महिमा रियल एस्टेट प्रा. लि. के सीएमडी धीरेन्द्र मदान ने सम्मेलन में कहा, “ग्रीन राजस्थान समिट हमारे सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। आईजीबीसी सरकार, उद्योग और समुदायों के साथ मिलकर राज्य को एक कम-कार्बन, हरित भविष्य की ओर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे रेटिंग सिस्टम, क्षमतावर्धन कार्यक्रमों और सहयोगात्मक पहलों के माध्यम से हम शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में टिकाऊ विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। आइए हम मिलकर राजस्थान को हरित विकास और जलवायु लचीलापन का राष्ट्रीय प्रतीक बनाएं।”

हरित भवनों और नवीकरणीय ऊर्जा पर राज्य का फोकस

आईजीबीसी जयपुर चैप्टर के को-चेयरमैन सुनील जैन ने कहा राजस्थान अब ग्रीन बिल्डिंग और नेट जीरो बिल्डिंग रेटिंग सिस्टम के माध्यम से एक हरित, कम-कार्बन भविष्य की दिशा में अग्रसर है। राज्य विशेष रूप से सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में नेतृत्व को और मजबूत करते हुए, टिकाऊ शहरी विकास को बढ़ावा दे रहा है। इस प्रयास में प्रगतिशील नीतियां, वित्तीय प्रोत्साहन और क्षमतावर्धन कार्यक्रमों की अहम भूमिका है, जिससे सरकार, उद्योग और समुदायों के बीच सहयोग बढ़ रहा है।

ग्रीन रेटिंग पर अतिरिक्त निर्माण क्षेत्र का लाभ

सीआईआई-आईजीबीसी के डिप्टी एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एम आनंद ने कहा राजस्थान सरकार आईजीबीसी द्वारा प्रमाणित ग्रीन बिल्डिंग्स को अतिरिक्त बिल्ट-अप एरिया रेशियो (BAR) की सुविधा निःशुल्क प्रदान कर रही है, सिल्वर-रेटेड प्रोजेक्ट्स को 0.075 BAR, गोल्ड-रेटेड को 0.10 BAR और प्लेटिनम-रेटेड प्रोजेक्ट्स को 0.15 BAR की छूट दी जा रही है। यह पहल पर्यावरण-संवेदनशील डिज़ाइन और निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई है, जिससे विकासकर्ता अपने भू-भाग का अधिक कुशल उपयोग कर सकें और शहरों को अधिक हरित बना सकें।

सभी हितधारकों की साझा प्रतिबद्धता के साथ समिट का समापन

ग्रीन राजस्थान समिट 2025 का समापन राजस्थान को हरित और कम-कार्बन भविष्य की ओर तेजी से ले जाने की सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ हुआ। इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी ) ने सतत शहरी परिवर्तन को सहयोग, ज्ञान-साझा, नीति समर्थन और परियोजना मार्गदर्शन के माध्यम से आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया। हरित तकनीकों में रणनीतिक निवेश, सहयोगी शासन और सक्रिय भागीदारी के माध्यम से राजस्थान भारत में हरित शहरी विकास का अग्रणी राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है।

सीआईआई-आईजीबीसी के बारे में

इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी ) की स्थापना भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा वर्ष 2001 में की गई थी, जिसका उद्देश्य भारत में ग्रीन बिल्डिंग अवधारणा को सक्रिय रूप से बढ़ावा देना है। भारत में आईजीबीसी के 30 से अधिक चैप्टर्स हैं और इसमें कॉरपोरेट्स, सरकारी एजेंसियाँ, आर्किटेक्ट्स, उत्पाद निर्माता, शैक्षणिक संस्थान आदि शामिल हैं। आईजीबीसी सरकारों, वर्ल्ड ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल, और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम करता है। वर्तमान में आईजीबीसी के पास 13.56 बिलियन वर्ग फुट ग्रीन बिल्डिंग क्षेत्र का पंजीकरण है और 15,800+ परियोजनाएं इसकी 32 रेटिंग प्रणालियों को अपना चुकी हैं। आईजीबीसी लगभग 90% ग्रीन बिल्डिंग बाजार हिस्सेदारी के साथ भारत में इस क्षेत्र का अग्रणी संगठन है।