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कार्यशाला में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, और उत्तर प्रदेश के कृषि उद्यमी तथा उद्योग जगत के लोग पहुंचे
जयपुर। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस एग्रीकल्चर स्किल डेवलपमेंट (आईआईएएएसडी) की ओर से श्री पिंजरापोल गौशाला परिसर टोंक रोड सांगानेर जयपुर में दो दिवसीय कार्यशाला का शानदार आयोजन किया गया। कार्यशाला में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, और उत्तर प्रदेश के कृषि उद्यमी (एंटरप्रेन्योर) तथा उद्योग जगत के प्रमुख लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों और वक्ताओं को आईआईएएएसडी द्वारा सम्मानित भी किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य औषधीय पादपों की व्यावसायिक कृषि, जैविक (ऑर्गेनिक) स्टार्टअप, फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशंस (एफपीओ) का गठन, मिलेट्स (श्री अन्न) के निर्यात की संभावनाएं, तथा भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा किसानों और उद्योग कर्मियों को प्रदान किए जा रहे सहयोग पर चर्चा करना था।
कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस एग्रीकल्चर स्किल डेवलपमेंट के चेयरमैन डॉ. अतुल गुप्ता ने अपने व्याख्यान में औषधीय पादपों की खेती को बढ़ावा देने, जैविक खेती के माध्यम से स्टार्टअप स्थापित करने और मिलेट्स के वैश्विक निर्यात की अपार संभावनाओं पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली योजनाओं और सहायता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में रूपेश कुमार श्रीवास्तव, संजय राठी, गजेंद्र सिंह, दिव्या तिवारी, आर्यन शर्मा, कुंज कच्छावा, समित मोदी, और रामगोपाल नेवी ने अपने विचारोत्तेजक वक्तव्य प्रस्तुत किए। इन वक्ताओं ने कृषि उद्यमिता, जैविक खेती, और मिलेट्स के निर्यात जैसे विषयों पर अपने अनुभव और दृष्टिकोण साझा किए।
जिससे प्रतिभागियों को नई प्रेरणा और जानकारी प्राप्त हुई। इस आयोजन ने कृषि उद्यमिता और जैविक खेती के क्षेत्र में नए अवसरों को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस एग्रीकल्चर स्किल डेवलपमेंट ने इस कार्यशाला के माध्यम से कृषि और उद्योग के क्षेत्र में सतत विकास और नवाचार को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। आयोजन के समापन पर सभी प्रतिभागियों ने इस पहल की सराहना की और भविष्य में ऐसे आयोजनों की निरंतरता की कामना की।