एलपीजी टैंकर ब्लास्ट के बाद मुख्यमंत्री शर्मा की सड़क सुरक्षा को लेकर अहम बैठक

मुख्यमंत्री शर्मा
मुख्यमंत्री शर्मा

जयपुर। जयपुर-अजमेर हाइवे पर एलपीजी टैंकर के धमाके के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को गंभीरता से लिया और एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में अधिकारियों और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा को लेकर कई अहम दिशा-निर्देश दिए, जिनसे भविष्य में दुर्घटनाओं की संख्या को कम करने का प्रयास किया जाएगा।

मुख्यमंत्री का यह कदम बेहद जरूरी और समय पर उठाया गया है। उन्होंने अवैध पार्किंग पर सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है, जो दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में से एक है। इसके अलावा, दुर्घटनाओं की जिम्मेदारी तय करने के साथ ही सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत जनवरी में करने का प्रस्ताव भी सकारात्मक है। यह पहल लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में मदद करेगी। 24 घंटे एम्बुलेंस और इमरजेंसी सेवाओं की उपलब्धता से दुर्घटनाओं के तुरंत बाद इलाज की सुविधा मिलेगी, जो कई जानों को बचाने में सहायक साबित हो सकता है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दौसा और कोटपूतली में खुले बोरवेल की घटनाओं को भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि इन स्थानों पर दो सप्ताह के अंदर संपूर्ण सर्वे कर स्थिति का आकलन किया जाए और बोरवेल से जुड़े सभी खतरों को समाप्त करने के लिए तत्काल उचित कार्रवाई की जाए। यह कदम बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

हालांकि, इन सभी योजनाओं की सफलता इसके सही क्रियान्वयन पर निर्भर करती है। अवैध पार्किंग पर रोक और वाहनों पर कार्रवाई से अगर कुछ समय तक कोई कठोर कदम नहीं उठाए जाते, तो यह योजनाएं मात्र कागजों तक सीमित रह सकती हैं। सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत भी सिर्फ एक पहल है, लेकिन जब तक उसे प्रभावी रूप से लागू नहीं किया जाता, तब तक परिणाम सीमित हो सकते हैं। खुले बोरवेल्स की समस्या गंभीर है, और यदि सर्वे में ढिलाई बरती जाती है तो यह बच्चों की जान के लिए खतरा बन सकता है।यह कदम एक महत्वपूर्ण शुरुआत है, लेकिन इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कठोर निगरानी और नियमित सुधार की आवश्यकता होगी। सरकार के इन प्रयासों को सफल बनाने के लिए सभी संबंधित पक्षों को समन्वय और ईमानदारी से कार्य करना होगा।

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