
निष्कर्ष : बीमारियों से बचना है तो वजन न बढने दें
जयपुर। मोटापा एक ऐसी शारीरिक समस्या है जो अनेक बीमारियों का कारण बन जाता है। यदि बीमारियों से बचना है तो बढते वजन को नियंत्रित किया जाना जरूरी है। मोटापा एक महामारी के रूप में समाज को अपने दायरे में ले रहा है। देश की प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत की दर से मोटापा बढ रहा है। कभी मोटापे का असर पचास उम्र के बाद दिखाई देता था किन्तु अब बच्चों में भी इसका प्रभाव बढ रहा है। यह जानकारी महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के संस्थापक चेयरपर्सन डॉ एम एल स्वर्णकार ने दी। वे महात्मा गांधी अस्पताल में चल रही इंटरनेशनल मेडिकल साइंसेज एकेडमी की 40वीं वार्षिक कॉन्फ्रेंस में मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मोटापे महिलाओं में नि:संतानता के कारण के रूप में भी सामने आया है। कॉन्फ्रेंस ‘दि सुनामी ऑफ ओबेसिटी -कॉल फॉज अर्जेंट एक्षन’ थीम पर आयोजित की जा रही है।

आयोजक डॉ. जी एन सक्सैना तथा डॉ पुनीत रिझवानी ने बताया कि मोटापा डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, लिवर, रक्तवाहिनियों में रूकावट, जोडों के दर्द एवं खराबी आदि के लिए भी जिम्मेदार माना जा रहा है। करीब तीस प्रतिशत महिलाओं में मोटापे का असर देखने में आ रहा है। केवल दस प्रतिशत वजन कम करने से ही शरीर का मेटाबोलिज्म सुधरने लगता है। बढते वजन के लिए उन्होंने अधिक कैलोरी वाले खानपान, फास्टफूड, शारीरिक निष्क्रियता, बदलती दिनचर्या को जिम्मेदार माना। आजकल वजन कम करने की दवाएं भी आ गई हैं। डॉ. शिव सरीन ने कहा कि असंतुलित खानपान से लिवर की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। फैटी लिवर एक आम समस्या है। जिसकी वजह से कई बीमारियों की शुरूआत हो जाती है। उन्होंने बताया कि फाइब्रोस्कैन से अपने लिवर की सेहत का पता लगाया जा सकता है। डायबिटीज व हार्मोन रोग विशेषज्ञ डॉ. एस के शर्मा ने कहा कि बीएमआई 23 से कम होना चाहिए। उन्होंने बताया कि मानसिक तनाव की वजह से लोगों का खानपान बढ रहा है।
यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. अचल गुलाटी, डॉ. सुधीर सचदेव, डॉ. एन डी सोनी, डॉ. के के पारीक, डॉ. के जगदीशन, डॉ. आर के ठुकराल, डॉ. शशि पणिक्कर सहित बडी संख्या में जुटे फिजीशियन, सर्जन, गैस्ट्रोएण्टेरोलोजिस्टस, हार्मोन रोग तथा स्त्री रोग विशेषज्ञों ने समूचे चिकित्सक समुदाय से समाज में बढते मोटापे की रोकथाम के लिए प्रयास करने की अपील की। आयोजन में डॉ. संजय सिंघल, डॉ मुनीष कक्कड, डॉ. राजीव गुप्ता, डॉ. मुकेश सरना, डॉ दीपक गुप्ता, डॉ. अंचिन कालिया, डॉ प्रदीप अग्रवाल आदि ने अहम भूमिका निभाई।
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