लोकतंत्र में जनता जनार्दन होती है, आमेर की जनता के निर्णय को स्वीकार करता हूं : पूनियां

सतीश पूनियां
सतीश पूनियां

जयपुर। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां ने हार स्वीकारते हुए जनसमर्थन के लिए जनता का आभार करते हुए कहा कि आमेर से मेरा रिश्ता दस बरसों से है, 2013 में पार्टी के निर्देश पर चुनाव लडऩे आया था, चुनाव में मात्र 329 वोटों की हार हुई है, लेकिन भाजपा की सरकार के दौरान हमने यहां विकास को मुद्दा बनाकर काम किया, हालाकि लोग कहते हैं कि यहां बड़ी-बड़ी जातियों का बाहुल्य है और जातियों के इस जंजाल में जाति से ऊपर उठकर कोई विकास की सोचें थोड़ा मुश्किल है, 2013-2018 में हमने कोशिश की, थोड़ा सफल हुए, विकास कार्यों से लेकर कोरोना के दौरान सेवाकार्यों से लोगों में भरोसा पैदा करने की कोशिश की थी लेकिन शायद लोगों को समझाने में हम विफल रहे।

सतीश पूनियां
सतीश पूनियां

माना कि चुनाव में हार जीत एक सिक्के के दो पहलू हैं लेकिन आमरे की यह हार मेरे लिए सोचने पर मजबूर करने वाली है एक आघात जैसी है, हमने सपने देखे थे कि आमेर इस बार रिवाज बदलेगा और हम मिलकर सरकार के माध्यम से कार्यकर्ताओं का सम्मान और जनता का बेहतरीन काम करके इसे आदर्श विधानसभा क्षेत्र बनाएँगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ,यह समय मेरे लिए कठिन परीक्षा की घड़ी जैसा है परन्तु परिस्थितियों और मनोवैज्ञानिक रूप से मैं यह निर्णय करने के लिए मजबूर हूं कि मैं अब भविष्य में आमेर क्षेत्र के लोगों और कार्यकर्ताओं को सेवा और समय नहीं दे पाऊँगा, पार्टी नेतृत्व को भी मैं अपने निर्णय से अवगत करवाकर आग्रह करूंगा कि यहां कि समस्याओं के समाधान के लिए योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति करें, साथ ही एक लंबे अरसे से पार्टी संगठन को पूरा समय देने के कारण पारिवारिक कामों से दूर रहा हूं। अत: अब मैं कुछ समय अपने पारिवारिक कामों को पूरा करने में लगाउंगा, ईश्वर मुझे शक्ति दे।

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